Saraswati Mata Ki Aarti: शाम की पूजा में ऐसे करें मां सरस्वती की आरती, पूरी होगी हर मुराद
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Saraswati Mata Ki Aarti: शाम की पूजा में ऐसे करें मां सरस्वती की आरती, पूरी होगी हर मुराद

आज 5 फरवरी, माघ शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विद्या की देवी सरस्वती का अवतरण हुआ था. जिसके बाद धरती पर वाणी, कला, संगीत और ज्ञान का संचार हुआ था. बसंत पंचमी यानि आज के दिन सरस्वती पूजा का विधान है.

सांकेतिक तस्वीर

Saraswati Mata Ki Aarti: आज 5 फरवरी, माघ शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विद्या की देवी सरस्वती का अवतरण हुआ था. जिसके बाद धरती पर वाणी, कला, संगीत और ज्ञान का संचार हुआ था. बसंत पंचमी यानि आज के दिन सरस्वती पूजा का विधान है. ऐसे में इस दिन पीले वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. शाम की पूजा में माता सरस्वती की आरती करने से वे प्रसन्न होती हैं जिससे ज्ञान और वुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही मनोकामना भी पूरी होती है. 

  1. प्रभावशाली है मां सरस्वती की आरती
  2. पूरी होगी हर मुराद 
  3. मिलेगा मां सरस्वती का विशेष आशीर्वाद

मां सरस्वती की आरती (Saraswati Mata Ki Aarti Basant Panchmi)

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

जय जय सरस्वती माता...

चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी ।

सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥

जय जय सरस्वती माता...

बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला ।

शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥

जय जय सरस्वती माता...

देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया ।

पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥

जय जय सरस्वती माता...

विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो ।

मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥

जय जय सरस्वती माता...॥

धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥

जय सरस्वती माता...

मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे ।

हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥

जय जय सरस्वती माता...

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।

सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥

जय जय सरस्वती माता...

सरस्वती मंत्र (Saraswati Mantra)

या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वृस्तावता। 
या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मसना ।।
या ब्रह्माच्युत्त शंकर: प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता ।
सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्या पहा ।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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