ऑस्ट्रेलिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर सिडनी दुनिया में पहली बार कोयला से चलने वाले बिजली केंद्रों और स्टील संयंत्रों के औद्योगिक कचरे का इस्तेमाल करते हुए सड़क निर्माण का प्रयोग कर रहा है.
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नई दिल्ली: दुनिया में कई ऐसी समस्याएं हैं, जिसका समाधान आविष्कार और प्रयोग के बाद ही संभव है. ऑस्ट्रेलिया में कुछ ऐसा ही प्रयोग किया जा रहा है. अगर यह प्रयोग सफल होता है तो देश में कचरे की समस्या नहीं रह जाएगी. ऑस्ट्रेलिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर सिडनी दुनिया में पहली बार कोयला से चलने वाले बिजली केंद्रों और स्टील संयंत्रों के औद्योगिक कचरे का इस्तेमाल करते हुए सड़क निर्माण का प्रयोग कर रहा है. इस पहल से प्रदूषण घटेगा और सड़कों के निर्माण के लिए कंक्रीट के उत्पादन के दौरान ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम होगा .
पूरे विश्व के लिए ग्लोबल वॉर्मिंग बहुत बड़ी समस्या है. ग्लोबल वॉर्मिंग में ग्रीन हाउस गैस का बहुत बड़ा योगदान होता है. रिसर्चर्स के मुताबिक, सभी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कंक्रीट का योगदान सात प्रतिशत होता है और 2018 में दुनिया भर में 4.1 अरब टन सीमेंट का उत्पादन हुआ जिसने 3.5 अरब टन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) का योगदान दिया.
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अगर यह प्रयोग सफल होता है तो एक साथ कई समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है. इंडस्ट्रियल कचरे से वाटर पॉल्यूशन भी होता है. इससे पानी में रहने वाले जीवों पर बुरा असर पड़ता है और इसका संबंध हमारे स्वास्थ्य से भी है. अगर इसका इस्तेमाल सड़क बनाने में होता है तो वाटर पॉल्यूशन से बचा जा सकता है. इसके अलावा कंक्रीट का इस्तेमाल कम होगा जिससे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी आएगी.
(इनपुट-भाषा से)