जब राहुल द्रविड़ के फैसले पर हैरान हुए सचिन तेंदुलकर, आखिर क्या थी वजह?
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जब राहुल द्रविड़ के फैसले पर हैरान हुए सचिन तेंदुलकर, आखिर क्या थी वजह?

सौरव गांगुली को चोट लगने की वजह से द्रविड़ को इस टेस्ट मैच में कप्तानी करने का मौका मिला था, लेकिन मिस्टर भरोसेमंद से एक बड़ी चूक हो गई थी.

जब राहुल द्रविड़ के फैसले पर हैरान हुए सचिन तेंदुलकर, आखिर क्या थी वजह?

नई दिल्ली: साल 2004 का भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ टेस्ट मैच तो आपको याद ही होगा. उस मैच में राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने टीम इंड़िया की कमान संभाल रखी थी. मुल्तान के इस टेस्ट मैच में टीम इंडिया की तरफ से धुंआधार बल्लेबाज़ी करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने 309 रन बनाकर अपना पहला तिहरा शतक जड़ा था. लेकिन इसी मैच में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को कप्तान राहुल द्रविड़ के एक फैसले ने बेहद हैरानी में डाल दिया था. वैसे राहुल के उस एक फैसले ने ना सिर्फ सचिन को गुस्सा दिलाया बल्कि करोड़ों भारतीयों के दिलों में एक सवाल खड़ा कर दिया था. एक तरह से कहा जा सकता है कि ये क्रिकेट के इतिहास में सबसे विवादित फैसलों में से एक रहा है.

  1. द्रविड़ के फैसले पर सचिन हुए थे खफा.
  2. मात्र 6 रन से सचिन दोहरे शतक से चूके.
  3. उस वक्त सचिन ने कोई हंगामा नहीं किया.

सहवाग ने इस मैच में तिहरा शतक लगाया था. दरअसल, अच्छी शुरूआत के बाद भारत ने आकाश चोपड़ा और द्रविड़ के विकेट जल्दी-जल्दी गवां दिए और फिर सहवाग का साथ देने के लिए सचिन मैदान में उतरे. फिर क्या था, सहवाग और सचिन के बीच 336 रनों की एक विशाल साझेदारी हुई जिसनें पाकिस्तान के मनसूबों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. सहवाग के 309 रन पर आउट होते ही ये पार्टनरशिप टूट गयी और फिर भारतीय टीम के स्कोर को आगे बढ़ाने का ज़िम्मा सचिन के कंधों पर आ गया.

सचिन ने सहवाग के आउट होने के बाद ज़िम्मेदारी तो ली पर रन बनाने की उनकी गति धीमी हो गई. इसी धीमी गति से रन बनाते हुए सचिन 194 के स्कोर पर नॉट आउट खेल रहे थे और युवराज सिंह 59 रन बनाकर तभी वापस पवेलियन लौटे थे. उस वक्त भारत का स्कोर 675/5 था. तभी अचानक द्रविड़ ने भारत की पारी घोषित कर दी. द्रविड़ का ये फैसला सुन सचिन भौचक्के रहे गए, एक पल के लिए तो उन्हें ये यकीन ही नहीं हुआ कि वाकई में राहुल ने पारी को घोषित करने का फैसला कर लिया है क्योंकि उस वक्त सचिन अपने दोहरे शतक से मात्र 6 रन दूर थे. द्रविड़ ये जानते थे कि उनके साथी को दोहरा शतक लगाने का मौका मिल रहा है, लेकिन फिर भी उन्होंने पारी घोषित करने का फैसला कर लिया, इस फैसले से न सिर्फ सचिन और टीम इंडिया के बाकी खिलाड़ी बल्कि फैंस भी काफी हैरानी में थे.

न चाहते हुए भी सचिन अपने कैप्टन के बुलावे पर वापस ड्रेसिंग रूम  लौटने पर मजबूर हो गए, वो भी तब जब वो अपनी डबल सेंचुरी के बेहद करीब थे. कहा जाता है कि राहुल के इस फैसले से सचिन काफी गुस्सा हुए थे. लेकिन उस वक्त सचिन ने इस बारे में मीडिया से ज्यादा कुछ नहीं कहा पर साल 2014 में अपनी ओटोबायोग्राफी 'प्लेइंग इट माई वे' में इस किस्से का जिक्र करते हुए लिखा था कि- उस वक्त वो राहुल के इस फैसले के कारण बहुत दुखी थे, क्योंकि मैच में काफी वक्त शेष था और वो अपना दोहरा शतक पूरा कर सकते थे.

सचिन ने इस किताब के जरिए बताया कि- "मैं बहुत हैरान था, क्योंकि उस फैसले का कोई तुक नहीं बन रहा था. क्योंकि उस मैच का वो दूसरा दिन था चौथा नहीं, लेकिन मैं बहुत दुखी होकर पवेलियन की तरफ लौटा तो मुझे पता चला कि इस फैसले से सिर्फ मैं ही हैरान नहीं था, वहां मौजूद हर कोई राहुल के फैसले से हैरान था. जब मैं ड्रेसिंग रूम में वापस आया तो मेरे कुछ साथियों को लग रहा था कि मैं वहां आकर खूब हंगामा करूंगा, लेकिन ये मेरा स्टाइल नहीं था और न ही मेंने इस बारे में किसी से कोई बात की. हालांकि मैं अंदर ही अंदर काफी नाराज था."

अपनी ओटोबायोग्राफी में इस बात का जिक्र भी किया है कि- "पवेलियन लौटने के बाद राहुल मेरे पास आए और कहा कि ये फैसला टीम के हित को ध्यान में रखकर किया गया है, लेकिन मैं उनके इस जवाब से संतुष्ट नहीं था. सचिन ने ये भी क्लीयर किया कि- इस फैसले से हम दोनों की दोस्ती पर कोई असर नहीं पड़ा."

बेशक सचिन की जगह कोई भी होता तो इस बात के लिए खूब हंगामा करता, क्योंकि सचिन 16 साल की उम्र से टीम इंडिया के लिए जी तोड़ मेहनत कर शानदार प्रदर्शन कर रहे थे और वो ऐसा पल था जब वो पाकिस्तान के खिलाफ उसी की ज़मीन पर दोहरा शतक लगाने जा रहे थे. लेकिन राहुल द्रविड़ की वजह से सचिन उस लम्हें को जी नहीं सके.

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