Badminton: साइना, सिंधु, कश्यप, समीर का नेशनल चैंपियनशिप खेलना अच्छा संकेत
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Badminton: साइना, सिंधु, कश्यप, समीर का नेशनल चैंपियनशिप खेलना अच्छा संकेत

इस बार नेशनल चैंपियनशिप में महिला सिंगल्स से पहले पुरुष सिंगल्स का मुकाबला हुआ. ऐसा पहली बार हुआ कि महिलाओं का फाइनल बाद में खेला गया. 

Badminton: साइना, सिंधु, कश्यप, समीर का नेशनल चैंपियनशिप खेलना अच्छा संकेत

एक समय था जब भारतीय स्टॉर बैडमिंटन खिलाड़ी नेशनल चैंपियनशिप में भाग नहीं लेते थे. उनकी सोच इस स्पर्धा के लिए फेडरेशन से अलग हुआ करती थी. वे कोई ना कोई बहाना बनाकर नेशनल चैंपियनशिप से किनारा करते थे. किन्तु, बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) ने इन बड़े खिलाड़ियों को अपनी राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलना अनिवार्य करके उन पर अंकुश लगाया है. स्टार खिलाड़ियों के खेलने से नेशनल चैंपियनशिप का कलेवर ही बदल गया है.  

हर खेल की नेशनल चैंपियनशिप देश के घरेलू खेल जगत में सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा होती है. प्रत्येक खिलाड़ी यह चाहता है कि वह नेशनल चैंपियनशिप में खेले और वहां अच्छा प्रदर्शन कर देश की ओर से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करे. लेकिन देश में कई ऐसे फेडरेशन हैं, जिनकी नेशनल चैंपियनशिप में देश के बड़े खिलाड़ी भाग नहीं लेते थे. या यह भी कह सकते हैं कि वे इन राष्ट्रीय स्पर्धाओं को कुछ भी नहीं समझते थे. 

बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने अपनी नेशनल चैंपियनशिप के साथ-साथ देश के घरेलू सर्किट को और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए, जिसकी वजह से घरेलू बैडमिंटन अच्छा हो गया है. बीएआई ने सभी खिलाड़ियों का नेशनल चैंपियनशिप में खेलना अनिवार्य कर दिया है, जो बहुत ही अच्छा कदम है. जिसकी वजह से एक तो नेशनल चैंपियनशिप का वजूद बदल गया है. दूसरी ओर, घरेलू सर्किट में खेलने वाले हमारे विश्व रैंकिग के खिलाड़ियों के साथ युवा खिलाड़ियों को खेलने का मौका भी मिल रहा है. 

पहले स्टार खिलाडी नेशनल चैंपियनशिप को कुछ नहीं मानते थे. वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदर्शन के सुधारने में लगे रहते थे. देश में भी वे केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंटों में ही भाग लेते थे. अब बीएआई ने सभी खिलाड़ियों को एक मंच पर खड़ा कर दिया है. जो खिलाड़ी नेशनल चैंपियनशिप में नहीं खेलेगा, एसोसिएशन उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की अनुमति नहीं देगा. 

बीएआई के इस कदम का बहुत ही सकारात्मक परिणाम सामने आया है. नेशनल चैंपियनशिप का स्तर पहले के मुकाबले बहुत ऊपर उठ गया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ा रहे सारे खिलाड़ी नेशनल चैंपियनशिप में कोर्ट पर नजर आने लगे हैं. साइना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसी खिलाड़ियों के बीच फाइनल मुकाबला हर कोई खेलप्रेमी देखना चाहता था. उनकी मुराद भी पूरी हो गई. इन दोनों खिलाड़ियों के बीच खिताबी मुकाबले का जलवा ही कुछ अलग रहा. 

बैडमिंटन के सभी बड़ी स्पर्धाओं में आमतौर पर यह देखा गया है कि महिलाओं के मुकाबले, पुरुषों के मुकाबलों के पहले संपन्न कराए जाते हैं. लेकिन, साइना और सिंधु के बीच खिताबी मुकाबला, पुरुष सिंगल्स फाइनल के बाद खेला गया. ये है इन दोनों के खेल की उपलब्धियों का अनूठा उदाहरण. वे कितनी लोकप्रिय हैं और इनके बीच होने वाले मुकाबले का खेलप्रेमी कितना इंतजार करते हैं. समीर वर्मा, सौरभ वर्मा, पी कश्यम और शुभंकर डे, युवा सनसनी लक्ष्य सेन जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगितों में देश का गौरव बढ़ा रहे शटलर्स ने भी नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया.

नेशनल चैंपियनशिप में स्टार खिलाड़ियों की भागीदारी ने स्पांसर्स को भी आकर्षित किया. तभी खिलाड़ियों को आकर्षक पुरस्कार राशि भी चैंपियनशिप के दौरान मिली. घरेलू प्रतियोगिता में आकर्षक पुरस्कार राशि और नेशनल चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन कर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना बहुत से खिलाड़ियों का सच होगा. साथ ही नेशनल चैम्पियनशिप की गरिमा भी बढ़ेगी. 

(लेखक खेल समीक्षक व कमेंटेटर हैं)

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