फिजिक्स के Nobel Prize 2021 का ऐलान, स्यूकुरो मानेबे, क्लाउस हासेलमैन और जियोर्जियो पारिसि को मिला सम्मान
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फिजिक्स के Nobel Prize 2021 का ऐलान, स्यूकुरो मानेबे, क्लाउस हासेलमैन और जियोर्जियो पारिसि को मिला सम्मान

Nobel Prize 2021: रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज (Royal Swedish Academy of Sciences) ने फिजिक्स में 2021 के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Physics) का ऐलान किया है. 

 

फिजिक्स के Nobel Prize 2021 का ऐलान, स्यूकुरो मानेबे, क्लाउस हासेलमैन और जियोर्जियो पारिसि को मिला सम्मान

नई दिल्ली: फिजिक्स के साल 2021 के लिए नोबेल पुरस्‍कार (Nobel Prize 2021) का ऐलान हो चुका है. इस साल का भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार स्यूकुरो मानेबे (Syukuro Manabe), क्लाउस हासेलमैन (Klaus Hasselmann) और जियोर्जियो पारिसि (Giorgio Parisi) को दिया गया है. तीनों लोगों को ये पुरस्कार जटिल फिजिक्स सिस्टम की समझ में अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया गया है. आने वाले दिनों में रसायन विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम घोषित किये जाएंगे.

  1. फिजिक्स के लिए नोबेल पुरस्कार का ऐलान
  2. 3 लोगों को मिला दुनिया का प्रतिष्ठित सम्‍मान
  3.  

 

 

इन विषयों पर किया कार्य

जापान के रहने वाले स्यूकूरो मनाबे (90) और जर्मनी के क्लॉस हैसलमैन (89) को ‘पृथ्वी की जलवायु की भौतिक ‘मॉडलिंग’, ग्लोबल वॉर्मिंग के पूर्वानुमान की परिवर्तनशीलता और प्रामाणिकता के मापन’ क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए चुना गया है. पुरस्कार के दूसरे भाग के लिए इटली के जॉर्जियो पारिसी (73) को चुना गया है. उन्हें ‘परमाणु से लेकर ग्रहों के मानदंडों तक भौतिक प्रणालियों में विकार और उतार-चढ़ाव की परस्पर क्रिया की खोज’ के लिए चुना गया है. तीनों ने ‘जटिल प्रणालियों’ पर काम किया है जिनमें से जलवायु एक उदाहरण है. निर्णायक मंडल ने कहा कि मनाबे और हैसलमैन ने ‘पृथ्वी की जलवायु और मनुष्य के इस पर प्रभाव के बारे में हमारे ज्ञान की बुनियाद रखी.’ अब न्यूजर्सी के प्रिंसटन विश्वविद्यालय में रहने वाले मनाबे ने 1960 के दशक की शुरुआत में दर्शाया था कि वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से वैश्विक तापमान किस तरह बढ़ेगा और इस तरह उन्होंने मौजूदा जलवायु मॉडलों की बुनियाद रखी थी.

'जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कठोर फैसले लें' 

इसके करीब एक दशक बाद जर्मनी के हैमबर्ग स्थित मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर मीटियोरोलॉजी के हैसलमैन ने एक मॉडल बनाया जिसमें मौसम और जलवायु को जोड़ा गया. इससे यह समझने में मदद मिली कि मौसम की तेजी से बदलाव वाली प्रकृति के बाद भी जलवायु संबंधी मॉडल किस तरह प्रामाणिक हो सकते हैं. उन्होंने जलवायु पर मनुष्य के प्रभाव के विशेष संकेतों का पता करने के तरीके भी खोजे. रोम की सैपियेंजा विश्वविद्यालय के पारिसी ने एक गहन भौतिक और गणितीय मॉडल तैयार किया जिससे जटिल प्रणालियों को समझना आसान हुआ. पुरस्कारों की घोषणा के बाद पारिसी ने कहा, ‘इस बात की बहुत आवश्यकता है कि हम जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बहुत कठोर फैसले लें और बहुत तेज रफ्तार से बढ़ें.’

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क्या है नोबेल पुरस्कार

नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में वर्ष 1901 में शुरू किया गया यह शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है. इस पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति-पत्र के साथ 10 लाख डॉलर की राशि प्रदान की जाती है. अल्फ्रेड नोबेल ने कुल 355 आविष्कार किए जिनमें डायनामाइट का आविष्कार भी था. दिसंबर 1896 में मौत से पहले अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया. उनकी इच्छा थी कि इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया जाए. स्वीडिश बैंक में जमा इसी राशि के ब्याज से नोबेल फाउंडेशन द्वारा हर वर्ष शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है.  

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