वॉशिंगटन: आखिरी वक्त में सजायाफ्ता शख्स की मौत की सजा पर लगी रोक
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वॉशिंगटन: आखिरी वक्त में सजायाफ्ता शख्स की मौत की सजा पर लगी रोक

अदालत ने कहा कि अलबामा राज्य ने उसे मौत के चैंबर तक ले जाने के लिए इमाम की व्यवस्था कराने से इनकार कर दिया जो उसके अधिकारों का हनन है.

संघीय अपीली अदालत ने 42 वर्षीय डोमिनिक रे की मौत की सजा पर बुधवार को रोक लगा दी.

वॉशिंगटन: अमेरिका में मौत की सजा पाने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति की सजा पर अंतिम समय में रोक लगा दी गई जब एक संघीय अदालत ने फैसला दिया कि उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ है. 

अदालत ने कहा कि अलबामा राज्य ने उसे मौत के चैंबर तक ले जाने के लिए इमाम की व्यवस्था कराने से इनकार कर दिया जो उसके अधिकारों का हनन है. अटलांटा स्थित संघीय अपीली अदालत ने 42 वर्षीय डोमिनिक रे की मौत की सजा पर बुधवार को रोक लगा दी. उसे 1995 में 15 वर्षीय बच्ची के बलात्कार एवं हत्या के लिए बृहस्पतिवार को सजा दी जानी थी. 

न्यायाधीशों ने अपने फैसले में कहा, “यहां संवैधानिक समस्या यह है कि राज्य ने नियमित रूप से ईसाई कैदियों की जरूरतों का प्रंबध करने के लिए सजा देने वाले कमरे में एक ईसाई पादरी की व्यवस्था की है लेकिन यही लाभ एक सच्चे मुसलमान एवं अन्य सभी गैर ईसाइयों को देने से इनकार कर दिया.” 

अमेरिकी संविधान का प्रथम संशोधन अधिकारियों को एक धर्म के ऊपर दूसरे धर्म को वरीयता देने से रोकता है और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है. सजा की तारीख करीब आने पर जेल में धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बने रे ने चैंबर तक ले जाने के लिए इमाम की व्यवस्था करने के अपने अधिकार की मांग की. 

इस मांग को पूरा नहीं किए जाने पर रे के वकील ने अदालत में याचिका दायर की और सजा पर रोक हासिल कर ली.

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