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आपने बालाकोट के स्थानीय लोगों की बातें सुन लीं. अब आपको जैश के कैम्प के बारे में बताते हैं.
ये बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के हथियारों का अड्डा था. जिसे हवाई हमले में पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया.
यहां पर 200 से ज़्यादा राइफल्स थीं. भारी मात्रा में हैंड ग्रेनेड्स थे. और सैकड़ों की संख्या में विस्फोटक और डेटोनेटर्स थे.
बालाकोट में जैश के अड्डे को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की निगरानी में चलाया जाता था. इस तस्वीर में आप जैश के आतंकियों को देख सकते हैं.
बालाकोट में जैश का ट्रेनिंग कैम्प घने जंगलों के बीच क़रीब 6 एकड़ में फैला हुआ था. इस कैम्प में एक बार में 600 लोगों के रहने की सुविधा थी. इसके अलावा कैम्प के भीतर ट्रेनिंग के लिए फायरिंग रेंज भी बनी हुई थी. आप इस तस्वीर में कैम्प का गेट और हाथों में हथियार लेकर बैठे आतंकवादियों को देख सकते हैं.
जैश के कैम्प में मौजूद सीढ़ियों को जानबूझकर अमेरिका, ब्रिटेन और इज़राएल के झंडों के रंग से रंगा गया था. ताकि कैम्प में ट्रेनिंग लेने वालों का ब्रेनवॉश करके उनमें नफरत पैदा की जाए. इस तस्वीर में सबकुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा है.
अब ये देखिए...कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद को कितना भारी नुकसान हुआ.
भारतीय वायुसेना के हमले में जिन आतंकवादियों को मुख्य रुप से निशाना बनाया गया, उनमें मौलाना अम्मार नाम का आतंकी था. ये अफगानिस्तान और कश्मीर में हमलों का ज़िम्मेदार था.
इसके अलावा हमले में मसूद अज़हर के भाई मौलाना तल्हा सैफ को भी निशाना बनाया गया.
जैश-ए-मोहम्मद के लिए कश्मीर ऑपरेशन को हेड करने वाले मुफ्ती अज़हर ख़ान को भी टार्गेट किया गया.
बालाकोट के ट्रेनिंग कैम्प में मौजूद, मसूद अज़हर के एक और रिश्तेदार मौलाना यूसुफ अज़हर को निशाना बनाया गया.
इसके अलावा हमले में मसूद अज़हर के बड़े भाई, इब्राहिम अज़हर को भी टार्गेट किया गया. ये वही आतंकवादी था, जो 20 साल पहले IC-814 की हाईजैकिंग में शामिल था.
इसी कैम्प में दिसम्बर 2017 में मसूद अज़हर के बेटे अब्दुल्लाह ने ट्रेनिंग ली थी. पुलवामा हमले की साज़िश को भी इसी कैम्प में अंजाम दिया गया था. उस हमले के मास्टरमाइंड गाज़ी ने इसी कैम्प में ट्रेनिंग ली थी. इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद के 60 आतंकवादियों ने कुछ दिन पहले ही 3 महीने की ट्रेनिंग ख़त्म की है.