पटनाः बिहार चुनाव (Bihar Election) इस वक्त चर्चित मुद्दा है. जब इस मुद्दे पर बात हो रही है तो केंद्र में लालू-नीतीश, पासवान परिवार ही हैं. कुछ अन्य दलों और नेताओं की भी बात होती है और इसी के सहारे सूबे में नए चुनावी समीकरण बिगड़ने-बदलने लगते हैं. बिसात बिछाने और मोहरें फिट करने की इस कड़ी में दिमाग पर बहुत जोर डालिए तो खास तौर पर तीन नाम और भी जेहन में आते हैं.
कहा गया था तीनों चेहरे चुनाव को बनाएंगे दिलचस्प
कन्हैया कुमार, प्रशांत किशोर और पुष्पम प्रिया चौधरी. साल की शुरुआत का समय था और तब के नजरिए से देखें तो इन तीनों चेहरों के आधार पर आगामी होने वाले बिहार चुनाव में ये तीन नाम दिलचस्पी पैदा करने वाले बताए जा रहे थे,
लेकिन दिलचस्प है न कि आज चुनाव वर्तमान है और यह तीनों ही नाम याद करने को दिमाग पर जोर डालना पड़ रहा है. कहां हैं ये तीनों चेहरे और क्या कर रहे हैं? डालते हैं इस पर एक नजर.
पढ़िए अगला भाग-2 Bihar Election:आखिर इस चुनावी समर में क्यों नहीं दिख रहे Prashant Kishor
पहले पुष्पम प्रिया चौधरी को खोजते हैं
शुरुआत करते हैं पुष्पम प्रिया चौधरी (Pushpam Priya) से. मार्च के शुरुआती दिनों में अखबारों के पन्नों पर बड़े-बड़े विज्ञापन छपे थे. इन विज्ञापनों से तीन बातें सामने आईं. पहली कि कोई पुष्पम प्रिया हैं, उन्होंने प्लूरल्स नाम से पार्टी बनाई है और तीसरी कि उन्होंने खुद को बिहार की अगली CM (Next CM) कहा है.
मूल रूप से दरभंगा की पुष्पम प्रिया ने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है. प्लूरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट हैं.
जदयू नेता की हैं बेटी
इन्होंने सीधे-सीधे ही बिहार सीएम नीतीश कुमार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और प्रगतिशील बिहार बनाने के लिए लोगों से खुद के समर्थन में आने की अपील की. जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और विधान परिषद के सदस्य (MLC) रह चुके विनोद चौधरी की बेटी पुष्पम शुरुआत में काफी चर्चा में रहीं,
लेकिन अब जब बिहार चुनाव (Bihar Election) सिर पर हैं तो पुष्पम प्रिया जमीन पर नहीं दिख रही हैं.
क्या रणनीति बना रही हैं पुष्पम प्रिया
चुनाव नजदीक आते-आते सूबे में इतने सारे समीकरण बन-बिगड़ चुके हैं. हर पार्टी अपने हित के अनुसार मुद्दे-मामले सेट करने के अंतिम दौर में हैं. करीबियों और विद्रोहियों की पहचान लगभग पूरी है, और पार्टियों में सीटों को लेकर बहसों का दौर चल रहा है,
लेकिन पुष्पम प्रिया किस रणनीति पर काम कर रही हैं, इसकी न खबर लग रही और न ही भनक.
हाल ही में किया सुपौल का दौरा
हालांकि दो दिन पहले सामने आया है कि पुष्पम प्रिया भी जमीन पर उतरी हुई हैं, बस दिखाई नहीं दे रही हैं. वह सुपौल के क्षेत्र में दौरा करने पहुंची थीं. सुपौल दौरे के दौरान पुष्पम प्रिया चौधरी पिपरा बाजार पहुंची, जहां कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया.
उन्होंने पिपरा की मशहूर मिठाई खाजा का भी जायका लिया और खाजा की दुकान पर पहुंच कर खाजा के बारे में दुकानदार से जानकारियां भी लीं. रोजगार के मुद्दे पर बात की. हालांकि इस दौरान पूछा गया कि पार्टी का रजिस्ट्रेशन कब तक तो उन्होंने कहा कि क्रांति रजिस्ट्रेशन से नहीं रुकती. देखते हैं कि पुष्पम प्रिया चौधरी की गाड़ी कहां तक जाती है.
कहां हैं कन्हैया और पीके
इसी तरह, सीपीआई के टिकट पर बेगूसराय संसदीय सीट से चुनाव लड़ चुके कन्हैया कुमार. और जेडीयू के उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर भी मौन अवस्था में लग रहे हैं. न तो उनकी कोई आवाज ही आ रही है और न ही वे कहीं दिख ही रहे हैं.
आखिर क्या है वजह और कहां हैं वह पढ़िए, विस्तृत स्टोरी का अगला भाग- बिहार चुनाव में कहां गए कन्हैया कुमार और प्रशांत किशोर
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