नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में वार्ड परिसीमन के आधार पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव स्थगित किए जाने को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका पर 28 जुलाई को सुनवाई करेगा.
अदालत ने मामले की सुनवाई में क्या कहा?
न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति ए. एस. ओका और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी, क्योंकि केंद्र ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उपलब्ध नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया था.
पीठ ने कहा कि मामले पर गुरुवार को सुनवाई की जाएगी. उच्चतम न्यायालय ने 20 जुलाई को याचिकाकर्ता को प्रतिवादियों के वकीलों को याचिका की प्रति पहले ही उपलब्ध कराने की छूट दे दी थी.
अभिषेक मनु सिंघवी ने दी थी ये दलील
आप ने याचिका में केंद्र सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग और एमसीडी को प्रतिवादी बनाया है. आप की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पिछले सप्ताह पीठ के समक्ष दलील दी थी कि दिल्ली में तीन नगर निगम थे और उनके कार्यकाल इस वर्ष मई के मध्य में समाप्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि तीनों नगर निगम का विलय कर दिया गया, लेकिन विलय के बाद चुनाव में देरी नहीं की जा सकती.
इससे पहले, प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने आप के वकील की याचिका का संज्ञान लेते हुए कहा था कि कि तीनों नगर निगम का एकीकरण और फिर परिसीमन कवायद निगम चुनाव को स्थगित करने के लिए एक वैध आधार नहीं हो सकता है.
दिल्ली के तीनों नगर निगमों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा इस साल मार्च में टाल दी गई थी और बाद में, केंद्र ने एमसीडी के एकीकरण के लिए एक विधेयक पेश किया. दिल्ली में नगर निगम के वार्ड के परिसीमन की प्रक्रिया जारी है.
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