लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मजबूत अंग आजम खान को बार-बार झटका मिल रहा है. कभी उनके बयानों की वजह से तो कभी चुनाव में अपनाए गए भ्रष्ट तरीकों की वजह से. इस बार आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को कोर्ट ने उनके फर्जी कागजात के लिए लताड़ लगाई और उनके निर्वाचन को निरस्त कर दिया.
रामपुर संसदीय क्षेत्र के स्वार विधानसभा सीट से जीत कर असेंबली पहुंचे अब्दुल्ला आजम खान अब विधायक नहीं रहेंगे. चुनाव से पहले चुनाव आयोग के पास जमा किए गए उनके कागजात फर्जी निकले जिसपर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. सोमवार को उसपर फैसला सुनाया गया और इस फैसले से आजम खान की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.
Allahabad High Court disqualifies Abdullah Azam Khan from the membership of the State Legislative Assembly in connection with fake affidavit. He was the MLA from Suar of Rampur. He is the son of senior Samajwadi Party (SP) leader Azam Khan. (file pic) pic.twitter.com/tuDKV48OIN
— ANI UP (@ANINewsUP) December 16, 2019
यूपी चुनाव के दौरान गलत हलफनामें जमा किए था अब्दुल्ला आजम खान ने
मामला 2017 में यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान का है. उस वक्त सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान 25 वर्ष के नहीं थे लेकिन बावजूद इसके फर्जी कागजात बनवा कर उसे चुनाव आयोग के पास जमा किया. इसके बाद चुनाव में झूठे हलफनामे देने के लिए उनपर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.
अब्दुल्ला आजम खान की ओर से काजी अली ने उनके दसवीं की मार्कशीट जमा की थी और उसी में दिए गए जन्मतिथि को आधार बना कर चुनाव में उनकी वैधता को सही ठहराने की अपील की थी. आजम खान के बेटे ने कोर्ट में कहा कि प्राइमरी शिक्षा के दौरान उनके अध्यापक ने अपने अंदाज से उनकी जन्मतिथि दर्ज कर ली थी.
जन्मतिथि बदलवाने के कंफ्यूजन का भुगतना पड़ा खामियाजा
मालूम हो कि अब्दुल्ला आजम के सारे कागजातों में उनकी जन्मतिथि उनके दसवीं के मार्कशीट के हिसाब से ही दर्ज हुए हैं. फिर चाहे वह पासपोर्ट हो या आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस. रामपुर सांसद की पत्नी भी हाल ही में हुए उपचुनाव में विधायकी जीती हैं. उन्होंने बेटे का बचाव करते हुए कहा था कि अब्दुल्ला का जन्म 30 सितंबर को 1990 को लखनऊ में हुआ था.
अस्पताल में दस्तावेजों में भी दर्ज तो हुए थे. लेकिन जब हाई स्कूल में टीचर ने उनकी जन्मतिथि को अंदाजन लिख दिया था तो उन्होंने उसे बदलवाने की अर्जी डाली थी. पासपोर्ट में हालांकि जन्मतिथि को दुरुस्त कर लिया गया है. पैनकार्ड में भी बदलाव के लिए अर्जी डाली गई है.
अब्दुल्ला आजम खान की जन्मतिथि को भरे जाने और बदलवाए जाने के बीच यह जो कंफ्यूजन हुआ उसी ने उनका काम बिगाड़ दिया. कोर्ट ने कागजात में पाए गए हलफनामें उस समय के लिए गलत पाए और उन्हें निरस्त कर दिया. अदालत में दोनों पक्षों की बहस के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था और आज उसका फैसला आया. अब इसके बाद अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी जल्द ही खत्म हो सकती है.