नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव जारी है. चीन (China) ने अरूणाचल प्रदेश में अवैध रूप से 5 भारतीय नागरिकों को बंधक बना लिया था. चीनी सैनिकों ने सीमा पर से इन नागरिकों को उठा लिया था.
उल्लेखनीय है कि अरुणाचल प्रदेश के एक विधायक ने चीन के सैनिकों द्वारा इन्हें उठा ले जाने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से गुहार लगाई थी. इसके बाद हरकत में आई भारत सरकार की कूटनीतिक कोशिशें रंग लाती नजर आ रही हैं.
LAC के करीब पहुंच गए थे बंधक बनाए गए नागरिक
प्राप्त जानकारी के अनुसार ये युवक अपर सुबानसिरी जिले से 4 सितंबर को गलती से LAC के पास चीनी सीमा तक पहुंच गए थे. जिन युवकों को सौंपा जाना है उनके नाम हैं तोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंग्टू इबिया, तनु बाकर और नगारु डिरी. इस साल ये दूसरा मौका है, जब कूटनीतिक प्रयासों से चीन के कब्जे से अरुणाचल के युवकों को छुड़ाने में कामयाबी मिली है.
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गलती से बहुत आगे तक चले गए थे युवक
गौरतलब है कि 7 लोगों की यह टोली निर्जन जंगल में शिकार के लिए गई थी. इनमें से केवल दो वापस आए थे. लापता युवकों के परिजन ने बताया कि बॉर्डर पर सीमांकन ठीक से नहीं है. इस वजह से उन्हें पता नहीं चल पाता कि वे किस ओर हैं और वे लोग काफी आगे बढ़ जाते हैं.
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने दी छोड़ने की जानकारी
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि चाइनीज पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अरुणाचल प्रदेश से लापता सभी पांच युवकों को शनिवार को भारत को सौंपने के लिए राजी हो गया है. रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि चीनी पीएलए ने भारतीय सेना के समक्ष युवकों की घर वापसी की पुष्टि की है.
गौरतलब है कि प्रकाश रिंगलिंग नाम के शख्स ने अपनी फेसबुक पोस्ट में पहली बार लापता लड़कों की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया था.