खलिस्तानी आतंकियों गुरुपवंत और हरदीप पर शिकंजा, NIA संपत्ति करेगी कुर्क

NIA एक अधिकारी के मुताबिक भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून यानी Unlawful Activities (Prevention) Act के सेक्शन 51-ए के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पन्नुन की अमृतसर और निज्जर की जालंधर स्थित अचल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 8, 2020, 05:42 PM IST
    • एसएफजे द्वारा 'सिख रेफरेंडम 2020' के बैनर तले शुरू किए गए एक अभियान से संबंधित एक मामले की जांच कर रही है NIA
    • एसएफजे और खालिस्तान टाइगर फोर्स, दोनों ही अलगाववादी खालिस्तानी संगठन हैं.
खलिस्तानी आतंकियों गुरुपवंत और हरदीप पर शिकंजा, NIA संपत्ति करेगी कुर्क

नई दिल्लीः आतंकवादियों के साथ-साथ देश पर खलिस्तानी समर्थक आतंकियों का खतरा भी मंडराता है. NIA इन पर शिकंजा कस रही है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) खालिस्तानी आतंकवादियों गुरपतवंत सिंह पन्नुन और हरदीप सिंह निज्जर की अचल संपत्तियों को कुर्क करने वाली है.

पन्नुन अमेरिका आधारित प्रतिबंधित संगठन सिख्स ऑफ जस्टिस (SFJ) का सदस्य है, जबकि निज्जर कनाडा बेस्ड खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख है. अधिकारियों ने इस बारे में मंगलवार को जानकारी दी है. 

एसएफजे और खालिस्तान टाइगर फोर्स हैं खालिस्तानी संगठन 
NIA एक अधिकारी के मुताबिक भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून यानी Unlawful Activities (Prevention) Act के सेक्शन 51-ए के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पन्नुन की अमृतसर और निज्जर की जालंधर स्थित अचल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है.

एसएफजे और खालिस्तान टाइगर फोर्स, दोनों ही अलगाववादी खालिस्तानी संगठन हैं. 

रेफरेंडम 2020 की भी हो रही है जांच
तथाकथित 'खालिस्तान' के लिए अलगाववादी संगठन एसएफजे द्वारा 'सिख रेफरेंडम 2020' के बैनर तले शुरू किए गए एक अभियान से संबंधित एक मामले की जांच कर रही है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ समर्थित प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू न्यूयॉर्क में बैठ कर पंजाब और दिल्ली को खालिस्तान बनाने के लिए धमकियां दे रहता है.

विदेशों में बैठे खालिस्तानी समर्थकों के डॉलरों से पलने वाला पन्नू आईएसआई के संपर्क में है. 

इस साल जुलाई में पन्नुन और निज्जर समेत 9 को यूएपीए ऐक्ट के प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था. एसएफजे और खालिस्तान टाइगर फोर्स दोनों ही अलगाववादी खालिस्तानी संगठन हैं. 

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