मुंबई: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही महा विकास अघाडी सरकार के मंत्रिमंडल का सोमवार को पहला विस्तार किया गया. कैबिनेट विस्तार में एनसीपी के चार बार के विधायक प्रकाश सोलंके को जगह नहीं मिल सकी तो उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देकर राजनीति से सन्यास लेने का ऐलान कर दिया.
कैबिनेट विस्तार में नहीं मिली जगह
प्रकाश सोलंके चार बार से मजलगांव सीट से विधायक चुने जा चुके हैं. सोमवार को उद्धव सरकार के कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है जबकि इससे पहले कांग्रेस-एनसीपी सरकार में वे राज्यमंत्री रहे चुके हैं. उन्होंने अचानक लिए गए फैसले को मंत्री न बनाए जाने की नाराजगी से जोड़ने से इनकार किया है. हालांकि उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार साबित करता है कि मैं मौजूदा राजनीति में अयोग्य हूं.
36 मंत्रियों को दिलाई गयी शपथ
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में सोमवार को सीएम उद्धव ठाकरे के कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया, जिसमें 36 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. इसमें एनसीपी से 10 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्री, कांग्रेस से 8 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री जबकि शिवसेना से 8 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री के रूप में शपथ लिया है. इस तरह के सरकार में एनसीपी से 12 कैबिनेट जबकि कांग्रेस-शिवसेना के 10-10 कैबिनेट में शामिल हुए हैं. राज्य में इस समय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत 43 मंत्री हैं.
परिवारवाद को मिली वरीयता
महाराष्ट्र में आदित्य ठाकरे के शपथ लेते ही ऐसा पहली बार हुआ की बाप-बेटे एक ही मंत्रिमंडल में हों. पिता उद्धव मुख्यमंत्री हैं और बेटे आदित्य मंत्री. एनसीपी से शरद पवार के भतीजे अजित पवार, कांग्रेस से दिवंगत विलासराव देशमुख के बेटे अमित देशमुख, कांग्रेस से एकनाथ गायकवाड़ की बेटी वर्षा, कांग्रेस के दिवंगत पतंगराव कदम के बेटे विश्वजीत और एनसीपी के नेता सुनील तटकरे की बेटी अदिति समेत कई लोग परिवार की दम पर मंत्री बने हैं.
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