काठमांडू. गलती हो जाती है बड़ों-बड़ों से भी, यही साबित किया है नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने. उनसे गलती हुई कि उन्होंने भारत को नापसंद आने वाली एक बेजा हरकत कर दी और भारत के नागरिकता क़ानून पर अपनी टांग अड़ाते हुए ट्वीट किया. लेकिन तुरंत उन्होंने अपनी भूल सुधार भी कर ली और ट्वीट को डिलीट कर दिया.
क्या थी ट्वीट नेपाली पीएम की
दरअसल भारत के नागरिकता क़ानून पर वो लोग भी अपनी राय देने से बाज नहीं आ रहे हैं जिन्हें इस क़ानून का बेसिक्स भी नहीं पता हैं. नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली भी शायद उन्हीं लोगों में से एक होते अगर अपनी भूल सुधार नहीं कर लेते. शर्मा जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के ट्वीट को ही रि-ट्वीट कर डाला.
भूल सुधार कैसे हुई
शायद भूल सुधार तुरंत न होती अगर उनके देश के ही एक जागरूक नागरिक ने उनको समझाइश न दी होती. अपनी ट्वीट पर गर्व करने का अवसर भी प्राप्त न हो सका ओली साहब को कि अचानक उनके ही देश के एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि उनसे भूल हो रही है, उनको अपरिपक्वता नहीं दिखानी चाहिए.
क्या थी सोनिया गाँधी की ट्वीट
भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर कांग्रेस ने विरोध का सुर अलापा और कांग्रेस की नेता सोनिया गाँधी जी भी शायद उन्हीं लोगों में थी जिन्हें नागरिकता संशोधन क़ानून का न विवरण पता है न उसकी उपयोगिता की कोई जानकारी उनको है. उन्होंने अपने कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक ढाई मिनट का वीडियो जारी करके केंद्र सरकार पर हल्ला बोलने की नाकाम कोशिश की थी. यही ट्वीट ओली साहब ने रि-ट्वीट कर डाला था जिसे बाद में उन्हें हटाना भी पड़ गया.
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