चीन को गहरी चोट देने की तैयारी, इंपोर्ट को लेकर मोदी सरकार करने जा रही है ये काम
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चीन को गहरी चोट देने की तैयारी, इंपोर्ट को लेकर मोदी सरकार करने जा रही है ये काम

सरकार की स्ट्रेटेजी के तहत, एक नहीं बल्कि दो रास्तों से चीन के समान की इंडिया में एंट्री को लेकर सख्ती बरतने की तैयारी है. सरकार 'क्वालिटी कंट्रोल' के जरिए चीन के समान पर रोक लगाएगी. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच बॉर्डर (India-China Border) पर जारी तनातनी के बीच सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है जिससे आर्थिक मोर्च पर चीन की कमर तोड़ी जा सके. इतना ही नहीं सरकार के इन फैसलों से भारत आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में मोदी सरकार जल्द ही चीन से बड़ी मात्रा में हो रहे इंपोर्ट को कम करने के लिए सख्त कदम उठाने जा रही है.

सूत्रों की मानें तो सरकार की स्ट्रेटेजी के तहत, एक नहीं बल्कि दो रास्तों से चीन के समान की इंडिया में एंट्री को लेकर सख्ती बरतने की तैयारी है. सरकार 'क्वालिटी कंट्रोल' के जरिए चीन के समान पर रोक लगाएगी. 

सूत्रों का कहना है कि उपभोक्ता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला BIS यानी भारत मानक ब्यूरो चीन से इंपोर्ट होने वाले सामान की लंबी सूची तैयार कर रहा है. इसके बाद उनके मानकों को सख्त करने की तैयारी है ताकि चीन खराब क्वालिटी का माल भारत को ना बेच सके. 

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बताया जा रहा है कि तमाम मंत्रालयों ने अपनी तरफ से चीन से आयातित समान की सूची BIS को सौंप दी है और अब ब्यूरो इन प्रोडक्ट्स के मानकों को सख्त कर चीन के लिए राह मुश्किल बनाने जा रहा है. मार्च 2021 तक चीन से इंपोर्ट होने वाले सभी सामानों के लिए मानक तय कर दिए जाएंगे.

इस एक्शन के जरिए भारत सरकार कच्चे माल और अन्य सामानों के लिए भारत की चीन पर निर्भरता खत्म करना चाहती है. सरकार के इस कदम से देश के छोटे-मझोले कारोबारियों को काफी फायदा होगा और चीन को आर्थिक मोर्चे पर सबक सिखाया जा सकेगा. 

इसी के साथ देश के 7 बड़े पोर्ट पर सरकार की पैनी नजर है. BIS के अधिकारी, कस्टम अधिकारियों के साथ मिलकर 7 बड़े पोर्टों पर चीन से आयातित समान पर नजर रख रहे हैं. गैर अधिकृत या मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले सामान पर लगातार एक्शन लिया जा रहा है. 

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