Desi Squats: देसी दंड बैठक करने से मिलता है फौलाद जैसा शरीर, जानें करने का सही तरीका
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Desi Squats: देसी दंड बैठक करने से मिलता है फौलाद जैसा शरीर, जानें करने का सही तरीका

Dand Baithak Fayde: अगर आप सही तरीके से दंड-बैठक करते हैं, तो आपको कई फायदे मिलते हैं.

सांकेतिक तस्वीर

Desi Dand-Baithak Fayde: जब भी हम पहलवानों की कसरत की बात करते हैं, तो हमें सबसे पहले उठक-बैठक करता हुआ भारी-भरकम शरीर वाला पहलवान याद आता है. इसी उठक-बैठक को पहलवानों की भाषा में दंड-बैठक (Dand-Baithak Yoga) कहा जाता है. दुनिया में इस एक्सरसाइज को 'हिंदू स्क्वैट्स' और 'इंडियन स्क्वैट्स' के नाम से भी जाना जाता है. जब भी देसी भाषा में हम किसी के मजबूत शरीर की मिसाल देना चाहते हैं, तो 'फौलाद जैसा शरीर' मुहावरे का इस्तेमाल करते हैं. देसी दंड-बैठक एक्सरसाइज (Dand baithak kaise mare) आपको कुछ ऐसा ही शरीर प्राप्त करने में मदद करती है.

देसी दंड-बैठक के फायदे (Desi Squats Benefits)
देसी दंड-बैठक में आप अपने शरीर के प्रति ज्यादा सजग हो जाते हैं. जिससे शरीर को ताकत और संतुलन मिलता है. हालांकि, आपको शुरुआत में दंड-बैठक एक्सरसाइज को धीरे-धीरे करना चाहिए. अगर सही तरीके और पूरी सावधानी से इसे किया जाए, तो यह व्यायाम आपका शरीर काफी मजबूत बना देगा. आइए इसके फायदे जानते हैं.

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  • देसी दंड-बैठक से कंधे, पेट, कूल्हे, जांघ, पिंडली, टखने समेत शरीर की कई मांसपेशी मजबूत बनती है.
  • वजन घटाने के लिए दंड-बैठक से काफी कैलोरी बर्न की जा सकती है.
  • इससे आपके शरीर का लचीलापन बढ़ता है.
  • यह आपके शरीर का संतुलन और स्थिरता बढ़ाती है और आपका बॉडी पोस्चर सुधारती है.
  • दंड-बैठक आपके हृदय की धड़कन को हेल्दी रखती है.
  • कूद, दौड़ जैसे स्पोर्ट्स के लिए पैरों को दमदार बनाती है.

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Dand Baithak kaise kare: कैसे करें देसी दंड-बैठक? (Dand Baithak right way to do)

  1. सबसे पहले अपने पैरों को कमर जितना खोलकर खड़े हो जाएं.
  2. इसके बाद अपने दोनों हाथों को सीने के आगे की तरफ पूरा फैला लें और मुट्ठी बंद कर लें.
  3. अब सांस लेते हुए कूल्हों को जमीन की तरफ लाते हुए बैठें.
  4. बैठने के दौरान एड़ियों को थोड़ा-सा उठाते हुए मुट्ठियों को छाती के पास लाकर कमर के पीछे की तरफ ले जाएं.
  5. अब मुठियों को पैरों के पास से घुमाते हुए वापिस खड़े हो जाएं.
  6. इस क्रम को धीरे-धीरे दोहराएं और जब पूरी तरह सीख जाएं, तो सामान्य गति से कर सकते हैं.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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