बढ़ती उम्र के साथ अपनी हड्डियों को रखना है मजबूत, तो अपनाएं ये 4 आदतें; फिर देखें कमाल
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बढ़ती उम्र के साथ अपनी हड्डियों को रखना है मजबूत, तो अपनाएं ये 4 आदतें; फिर देखें कमाल

Tips For Strong Bones: हड्डियां कमजोर होने की वजह से जोड़ों में दर्द चलने में तकलीफ जैसी परेशानी होना बहुत आम बात है. उम्र बढ़ने के साथ बोन डेंसिटी घटने लगती है. ऐसे में कुछ आदतें हैं जिसको डेली लाइफ में शामिल करके अपनी हड्डियों को मजबूत कर सकते हैं.

बढ़ती उम्र के साथ अपनी हड्डियों को रखना है मजबूत, तो अपनाएं ये 4 आदतें; फिर देखें कमाल

Healthy Bones Tips: हड्डियां हमारे बॉडी का आधार होती हैं, जो हमारे शरीर को मजबूती देती हैं. लेकिन बढ़ते उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती है. जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे गिरने और हल्के चोट लगने पर भी टूटने का खतरा बढ़ जाता है. ये समस्या आमतौर पर 50 की उम्र से अधिक के लोगों में ज्यादा होती है.

क्या होती है ऑस्टियोपोरोसिस?
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती हैं, जिससे उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है.

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार अमेरिका के 1 करोड़ लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं. पबमेड (Pubmed) की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में तो हर दो महिलाओं में से एक को जीवन में कभी ना कभी ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से हड्डी टूटने का खतरा रहता है. लेकिन अच्छी खबर ये है कि समय रहते इससे बचा जा सकता है और हड्डियां मजबूत रखकर हड्डी टूटने का खतरा कम किया जा सकता है. स्वस्थ जीवनशैली और कुछ अच्छी आदतों को अपनाकर आप अपनी हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि हड्डियों के देख भाल के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करना चाहिए.

1. बैलेंस डाइट लें
हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए पोषक तत्वों का बहुत महत्व होता है. कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों के मजबूती के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व हैं.

कैल्शियम : हड्डियों की सेहत के लिए कैल्शियम कितना जरूरी है, ये हम दूध के कई सारे एड से ही समझ सकते हैं. पर सिर्फ दूध ही नहीं, हरी सब्जियां, मछली, बीन्स और ब्रोकली आदि हड्डियों को मजबूत बनाती हैं.

Vitamin D: अब बात की जाए विटामिन डी (Vitamin D) की तो ये कैल्शियम को लेकर हड्डियों तक पहुंचाता है और वहां जमा करता है. ऐसे में डेयरी प्रोडक्ट, हरी सब्जियां, मछली, एग योल्क (अंडे का पीला वाला हिस्सा) और मशरूम को डेली लाइफ में शामिल किया जा सकता है.

2. नियमित व्यायाम

व्यायाम न केवल हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है. हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए वजन उठाने वाले व्यायाम (resistance training) बहुत फायदेमंद होता हैं. वजन उठाने के अलावा, कुछ योग को भी डेली लाइफ में शामिल कर सकते हैं, जैसे- ट्री पोज, ट्रायंगल पोज, माउंटेन पोज, कोबरा पोज, ब्रिज पोज आदि को शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा तेज चलना, दौड़ना, सीढ़ियां चढ़ना और डांस करना भी डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं.

3. पर्याप्त प्रोटीन का सेवन

हम दिन भर में कितना प्रोटीन ले रहे हैं, ये अच्छे सेहत के लिए बहुत मायने रखता है. प्रोटीन हड्डियों के मरम्मत के लिए भी बहुत जरूरी होता है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार हड्डियों का एक तिहाइ मास सिर्फ प्रोटीन से बनता है. ऐसे में प्रोटीन रिच चीजों को अपने डेली लाइफ में शामिल करना चाहिए. इसके लिए मांस, अंडे, दाल, बीन्स, सोयाबीन और नट्स जैसे प्रोटीन युक्त फूड को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.

4. बॉडी पोस्चर

अगर आपकी लाइफस्टाइल एक जगह बैठ कर काम करने वाली है, तो ऐसे में हड्डियों से संबंधित बीमारी होना बहुत आम बात है. सामान्य तौर पर इन लोगों को बैकपेन संबंधित समस्या से गुजरा पड़ता है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार ऐसी लाइफस्टाइल वाले लोगों को सही पोस्चर में बैठना चाहिए. जैसे- बैठते वक्त सीधे बैठे, सीधे खड़े हों, कंधों को स्ट्रेट रखें, गर्दन सीधा रखें, आदि. पूरे दिन बैठे रहने से हड्डियों की समस्या, खासकर पीठ के निचले हिस्से में परेशानी हो सकती है. इससे बचने के लिए बीच-बीच में उठकर टहलना बहुत अच्छा विकल्प है. 

अच्छा बॉडी पोस्चर और बैलेंस बनाए रखना न सिर्फ पर्सनालिटी को अच्छा करता है बल्कि हड्डियों को भी मजबूत बनाता है. हर समय सीधे खड़े रहने की कोशिश करें नियमित रूप से योग और व्यायाम को अपने डेली रूटीन में शामिल करें. इन आदतों के अलावा, धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना भी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. 

Disclaimer: प्रिय पाठक, संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है. जी मीडिया इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.
 

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