मोदी सरकार का बड़ा फैसला, रेप जैसी घटनाओं में जल्द न्याय के लिए खुलेंगे 1023 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट
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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, रेप जैसी घटनाओं में जल्द न्याय के लिए खुलेंगे 1023 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट

रेप जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. ऐसी घटनाओं में जल्द न्याय हो इसके लिए देश भर में 1023 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जाएंगे.

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: रेप (Rape) जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार (Modi government) ने एक बड़ा फैसला किया है. ऐसी घटनाओं में जल्द न्याय हो इसके लिए देश भर में 1023 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जाएंगे.

मोदी सरकार चाहती है कि रेप और पोस्को मामले की चांच 2 महीने में पूरी हो जबकि इन मामलों का ट्रायल 6 महीने में पूरा होना चाहिए. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उच्च न्यायलयों के सभी मुख्य न्यायधीशों को फास्ट कोर्ट ट्रायल 6 महीने में पूरा करने के लिए पत्र लिखा है. 

कानून मंत्री ने सभी सभी राज्यो के मुख्यमंत्रियो को रेप और पोस्को मामलों की जांच 2 महीने में पूरा करने के लिये पत्र लिखा है. बता दें अभी देश में 700 फास्ट कोर्ट हैं. इसमें 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट की और बढ़ोतरी हो जाएगे. 

बता दें हैदराबाद में 23 साल की पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा उनकी हत्या व महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के कई मामलों की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने मंगलवार (10 दिसंबर) को कहा था कि महिला सुरक्षा उसकी उच्च प्राथमिकता में है और उसने देश भर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई पहल की हैं. 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने लोकसभा में मंगलवार को एक लिखित जवाब में यौन अपराधियों पर एक डेटाबेस लॉन्च करने सहित महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया.

उन्होंने कहा कि आपराधिक कानून (संशोधन), अधिनियम 2013 को यौन अपराधों को रोकने के लिए लागू किया गया था. इसके पांच साल बाद आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2018 को सख्त दंडात्मक प्रावधान के लिए अधिनियमित किया गया, जिसमें 12 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म के लिए मौत की सजा शामिल है. इस अधिनियम में प्रत्येक दो महीने के अंदर सुनवाई व जांच को पूरा करना अनिवार्य किया गया है.

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