Amit Shah vs Saugata Roy: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आमतौर पर शांत रहने वाला नेता माना जाता है. लेकिन जब कोई चीज उन्हें खटक जाती है तो उनका रौद्र रूप भी सामने आ जाता है.
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Amit Shah on Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में हालात धीरे-धीरे शांत होते देख मोदी सरकार अब वहां पर चुनाव की तैयारियां करने में जुटी हुई है. सरकार ने इसी से जुड़े दो विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किए. इस दौरान बीजेपी के संस्थापक रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक कथन को लेकर लोकसभा में टीएमसी सांसद सौगत रॉय और गृह मंत्री अमित शाह के बीच जबरदस्त बहस हो गई. टीएमसी सांसद की टिप्पणी से झल्लाए अमित शाह ने सीट से खड़े होकर कहा, 'दादा, आपकी उम्र हो चुकी है.' उनका यह रौद्र अवतार एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. आखिर सुदीप बंदोपाध्याय ने ऐसा क्या कहा था, जिससे गृह मंत्री को इतना गुस्सा आ गया.
'दादा उमर हो चुकी है आपकी'
असल में जम्मू-कश्मीर से जुड़े विधेयकों पर चर्चा के दौरान TMC सांसद सौगत राय (Amit Shah vs Saugata Roy) ने बीजेपी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक कथन को लेकर बीजेपी पर तंज कसा. तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने कहा, 'एक देश–दो विधान, दो प्रधान–दो निशान' राजनीतिक था. इतना सुनते ही गृह मंत्री अमित शाह भड़क गए. उन्होंने अपनी सीट पर खड़े होते हुए कहा, 'ये बहुत ऑब्जेक्शनबल है. मुझे लगता है दादा उमर हो चुकी है आपकी!
एक देश में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान ही होना चाहिए और ये हमने करके दिखाया है... pic.twitter.com/aW4FQt67ZD
— Amit Shah (@AmitShah) December 5, 2023
'एक देश में 2 प्रधान कैसे'
गृहमंत्री (Amit Shah vs Saugata Roy) ने आगे कहा, 'एक देश में दो प्रधान, दो संविधान कैसे हो सकते हैं? एक देश में दो झंडे कैसे हो सकते हैं. ये गलत है. जिन्होंने भी ये किया था, गलत किया था. नरेंद्र मोदी जी ने इसको सुधारने का काम किया है.' गृह मंत्री यहीं तक नहीं रुके. उन्होंने कहा, 'आपकी सहमति-असहमति से क्या होता है. पूरा देश ये चाहता था. यह चुनावी नारा नहीं है, हम 1950 से कह रहे थे कि एक देश में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान होना चाहिए, दो नहीं चलेंगे और हमने ये कर दिखाया.'
जम्मू कश्मीर के लिए 2 विधेयक
बताते चलें कि मोदी सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में एससी, एसटी, ओबीसी और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के लिए विधेयक पेश किया गया है. इसका नाम जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक - 2023 है. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 विधेयक भी संसद में पेश किया गया है. दोनों बिलों पर मंगलवार को चर्चा हुई. बुधवार को अमित शाह सदन में इस मुद्दे पर हुई चर्चाओं का जवाब देंगे.