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नई दिल्ली: पिछले दो सालों में कोरोना महामारी के दौरान बच्चों के मानसिक-भावनात्मक व्यवहार (Mental-Emotional Behavior) में आए बदलाव को समझने के लिए दिल्ली सरकार बड़े स्तर पर सर्वे करवाएगी. कोरोना महामारी के कारण पिछले 2 साल स्कूली बच्चों के लिए काफी मुश्किल भरे और तनावपूर्ण (Stressful) रहे हैं.
कोरोना महामारी के दौरान स्कूलों (Schools) के बंद होने के कारण न केवल बच्चों की पढ़ाई (Education) का नुकसान हुआ है बल्कि वो मेंटल और इमोशनल (Mental And Emotional) रूप से भी प्रभावित हुए हैं. इन दो सालों में बच्चों की दुनिया केवल अपने घरों के किसी कमरे तक सिमट कर रह गई है. लंबे समय तक स्कूलों से दूर रहने के कारण बच्चों में मानसिक तनाव (Mental Stress) और डर की स्थिति पैदा हो रही है.
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इस स्थिति को समझने और कोरोना के कारण बच्चों पर हुए प्रभाव की जांच करने के साथ-साथ उसे दूर करने के लिए दिल्ली सरकार बड़े स्तर पर सर्वे और स्टडी (Survey And Study) करवाने जा रही है. इस सर्वे के आधार पर दिल्ली के स्कूलों में चलने वाले ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ (Happiness Curriculum) को एक्सपर्ट्स की मदद से अपडेट (Update) किया जाएगा ताकि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के मेंटल-इमोशनल वेल-बीइंग (Mental-Emotional Well-Being) का ध्यान रखा जा सके.
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एक्सपर्ट्स (Experts) भी मानते हैं कि कोरोना के कारण बच्चों में डर और तनाव की स्थिति पैदा हुई है. बच्चों को दोबारा सामान्य स्थिति में लाने के लिए उनकी मनोदशा को समझना बेहद जरूरी है. दिल्ली सरकार रिसर्च (Research) के आधार पर एक्सपर्ट्स (Experts) की मदद से हैप्पीनेस करिकुलम (Happiness Curriculum) में बदलाव कर नई एक्टिविटीज और कहानियों (New Activities And Stories) को जोड़कर उसे अपडेट करने का काम करेगी ताकि महामारी की मुश्किल स्थिति में भी बच्चे अपने तनाव-डर जैसी समस्याओं पर काबू पाना सीख सकें.
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