दिल्ली में इतनी साल पुरानी गाड़ियां बन जाएंगी कबाड़, सरकार ने जारी की गाइडलाइन
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दिल्ली में इतनी साल पुरानी गाड़ियां बन जाएंगी कबाड़, सरकार ने जारी की गाइडलाइन

दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से स्क्रैपिंग ऑफ मोटर व्हीकल इन डेल्ही, 2018 गाइडलाइन 24 अगस्त को जारी की गई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: बहुत जल्द राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहां-तहां पड़ीं बेकार और पुरानी गाड़ियां कबाड़ में तब्दील हो जाएंगी. यानी इनकी लाइफ खत्म कर दी जाएगी. दिल्ली सरकार ने पहली बार इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया है. नए नियम के मुताबिक दिल्ली में 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियां और 10 साल से पुराने डीजल वाहन जो बेकार पड़े हैं, इन्हें कबाड़ में बदल दिया जाएगा. काफी समय से यह देखा जा सकता है कि ये गाड़ियां शहर में सड़कों के किनारे और गैराज में यूं ही जगह ले रही होती हैं.

  1. गाड़ियों की स्कैपिंग की प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे के सामने संपन्न होगी. 
  2. पार्क में पड़ी 15 साल से पुरानी गाड़ियां मालिक को नहीं सौंपी जाएंगी
  3. पेट्रोल गाड़ियों को उनके मालिक को अंडरटेकिंग जमा करने पर सौंपी जाएगी.

गाड़ियां मालिक को नहीं सौंपी जाएंगी
दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से स्क्रैपिंग ऑफ मोटर व्हीकल इन डेल्ही, 2018 गाइडलाइन 24 अगस्त को जारी की गई है. ये वो पुरानी गाड़ियां हैं जिनका अब कोई इस्तेमाल नहीं होता. इस नियम के मुताबिक शहर के पार्क में पड़ी 15 साल से पुरानी गाड़ियां मालिक को नहीं सौंपी जाएंगी, बल्कि सीधे लाइसेंस वाले स्क्रैपिंग सेंटर को भेज दी जाएंगी. जबकि इतनी ही पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को उनके मालिक को उस शर्त पर सौंपी जाएगी जब वह उसकी अंडरटेकिंग सौंप देंगे. अन्यथा इन गाड़ियों को भी कबाड़ में भेजा जाएगा.

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पर्यावरण का रखा जाएगा खयाल
सरकार की इस पहल के तहत गाड़ियों को इस तरह से स्क्रैप किया जाएगा, ताकि इसका पर्यावरण पर कोई असर न हो. गाइडलाइन में कहा गया है कि इससे सड़कों के किनारे, गैराज और पार्कों में जगह भी खाली हो सकेंगे. विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि हम उन स्क्रैपिंग सेंटर को लाइसेंस भी देंगे जो नियमों के मुताबिक हर तरह की मशीन और प्रक्रिया अपनाते हैं.

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केंद्र सरकार भी पॉलिसी बनाने की प्रक्रिया में
दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार भी इस तरह की पॉलिसी बनाने की प्रक्रिया में है. गाइडलाइन में कहा गया है कि गाड़ियों की स्क्रैपिंग केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण विभाग के नियमों के अनुसार होगा. साथ ही कहा है कि स्क्रैपिंग के समय स्क्रैपिंग सेंटर को गाड़ियों के डाटा का रिकॉर्ड कंप्यूटर में रखना होगा और सीसीटीवी के सामने यह प्रक्रिया संपन्न होगी. 

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की सड़कों के किनारे और अन्य जगहों पर पुरानी बेकार गाड़ियों का अंबार लगा है. गाड़ी के मालिक इसे सालों-साल देखने तक नहीं आते. ऐसे में ये वाहन बीते कई सालों से दिल्लीवासियों के लिए परेशानी भी खड़ी करते रहे हैं.  

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