साल 1999 में कारगिल की पहाड़ियों पर भारतीय वायुसेना ने नया इतिहास बनाया था. तब वायुसेना के फाइटर जेट्स ने टाइगर हिल पर मौजूद पाकिस्तान के ठिकाने को नष्ट कर दिया था.
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नई दिल्ली: साल 1999 में कारगिल की पहाड़ियों पर भारतीय वायुसेना ने नया इतिहास बनाया था. तब वायुसेना के फाइटर जेट्स ने टाइगर हिल पर मौजूद पाकिस्तान (Pakistan) के ठिकाने को नष्ट कर दिया था. ये लेजर गाइडेड बम से किया गया इंडियन एयरफोर्स का पहला हमला था. इस हमले में वायुसेना के 5 मिराज फाइटर जेट और 6 पायलट शामिल थे. इस बम ने टाइगर हिल की चोटी पर बने पाकिस्तान के सुरक्षित ठिकाने को नष्ट कर दिया था और ऐसे ही हमलों से पाकिस्तान के हाल की शुरुआत हुई थी.
अब 29 जुलाई के बाद यही काम रफाल (Rafale) फाइटर जेट करेगा. रफाल से जमीन पर मौजूद किसी भी दुश्मन पर हैमर मिसाइलें लॉन्च की जा सकेंगी. हैमर शब्द का मतलब होता है 'हथौड़ा' और ये मिसाइल किसी हथौड़े की तरह भारत के दुश्मनों पर बरसेगी और उन्हें कुचल देगी.
बता दें कि खास गाइडेंस किट की वजह से हैमर मिसाइल को प्रिसिजन गाइडेड वीपन (Precision-Guided Weapon) कहा जाता है. मतलब ना तो इसका हमला रुकेगा और ना ही ये जाम किया जा सकता है. हवा-से-धरती पर मार कर सकने वाली इस मिसाइल का निशाना बहुत सटीक होता है.
भारतीय वायुसेना ने चीन में जारी विवाद के चलते इस मिसाइल की डील की है, इसकी 5 बड़ी वजहें हैं. रफाल से लॉन्च किए जाने के बाद हैमर मिसाइल लगभग 70 किलोमीटर दूर किसी भी लक्ष्य को नष्ट करने की क्षमता रखती है.
हैमर मिसाइलें पहाड़ी इलाकों में बने किसी बंकर को नष्ट कर सकती हैं और लद्दाख जैसे पहाड़ी इलाकों में चीन के मुकाबले ये भारत की ताकत को बढ़ा देंगी. पहाड़ी इलाकों में दुश्मन सेना का एक बंकर बहुत घातक हो सकता है. कारगिल और लद्दाख जैसे मुश्किल जगहों पर बंकर में बैठा एक सैनिक का मुकाबला करने के लिए भारत को 12 सैनिक भेजने होंगे लेकिन हैमर ऐसे किसी भी बंकर को बर्बाद कर सकती है.
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जीपीएस और इंफ्रारेड तकनीक इस मिसाइल की मारक क्षमता को सटीक बनाते हैं. ये मिसाइल दिन हो या रात और सभी मौसमों में भी काम कर सकती है. ढाई सौ किलो वजन से शुरू होने वाली हैमर मिसाइल रफाल के अलावा मिराज लड़ाकू विमानों में भी फिट हो सकती है. एक रफाल फाइटर जेट एक साथ 250 किलो की 6 हैमर मिसाइल को ले जा सकता है यानी ये एक साथ 6 टारगेट पर निशाना लगा पाएगा.
हैमर मिसाइल का निर्माण फ्रांस की ही एक कंपनी साफरान (SAFRAN) ग्रुप करती है. ये वही कंपनी है जो रफाल के ताकतवर इंजनों का निर्माण भी करती है. भारतीय वायुसेना ने अपनी इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल करके हैमर मिसाइल की डील की है. ताकि कम समय में ही ये मिसाइलें भारत को मिल जाएं. बताया जा रहा है कि भारत की जरूरतों को देखते हुए फ्रांस की सेना के लिए बनी हैमर मिसाइलें इंडियन एयरफोर्स को मिलेंगी.
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय वायुसेना की ताकत लगातार बढ़ी है. 21 वर्ष पहले मिराज लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के सबसे घातक हथियार थे और हैमर जैसे कई घातक हथियारों से लैस रफाल अब वायुसेना का नया नायक बन जाएगा.