दमोह में स्कूल की मनमानी पर एक्शन, लौटाने होंगे 2 करोड़ रुपए, जुर्माना भी लगा
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दमोह में स्कूल की मनमानी पर एक्शन, लौटाने होंगे 2 करोड़ रुपए, जुर्माना भी लगा

Damoh School Fraud: दमोह के एक प्राइवेट स्कूल ने स्टूडेंट्स से 4 साल तक ज्यादा फीस ली और सीबीएससी नियमों का उल्लंघन किया. एक स्थानीय वेबसाइट के मुताबिक अब कलेक्टर ने स्कूल पर जुर्माना लगाया है और बच्चों के परिजनों को करीब 2 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया है.

private Senior Secondary School Ordered to Return 2 Crore in damoh

Madhya Pradesh School Fraud News: मध्यप्रदेश के दमोह से स्कूल की धोखाधड़ी की ऐसी करतूत सामने आई है, जो कोई नया मामला नही है, लेकिन चर्चा में इसलिए है क्योंकि इस मामले में संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने स्कूल पर जुर्माना लगाया है. अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक दमोह के सेंट नॉर्बर्ट सीनियर सेकंडरी स्कूल ने स्टूडेंट्स से 4 शैक्षणिक सत्र तक ज्यादा फीस वसूली. लगाए गए आरोप जब सही साबित हुए तो स्कूल पर कड़ा एक्शन लिया गया. आरोप सिद्ध होते ही कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने स्कूल पर जुर्माना लगाया. साथ ही स्कूल को 2 करोड़ रुपये के करीब की राशि परिजनों को लौटाने का आदेश दिया. 

फीस और पुस्तकों की कीमत पर ठगी
दमोह के सेंट नॉर्बर्ट सीनियर सेकंडरी स्कूल ने 4 सेशन्स में 2 करोड़ 6 लाख 32 हजार 293 रुपए स्टूडेंट्स से लिए थे. स्कूल ने स्टूडेंट्स से ये राशि फीस और पुस्तकों की कीमत के रूप में हासिल की थी. उनकी इस हरकत पर प्रशासन ने सख्ती से काम लिया.  कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने स्कूल को दो लाख रुपये का जुर्माना कमिशनर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन के अकाउंट में जमा करने के आदेश दिए हैं. 

सीबीएससी नियमावली का उल्लंघन
सेंट नॉर्बर्ट स्कूल पर सीबीएससी नियमावली के उल्लंघन करने का आरोप है.  स्कूल ने  2017-18 सेशन से 2022-23 तक के सेशन में स्टूडेंट्स से कुल 3 करोड़ 32 लाख रुपये की राशि वसूली थी.  स्कूल ने नियमों का पालन नहीं किया गया. जिसके चलते सेंट्रल सेकंडरी एज्युकेशन बोर्ड दिल्ली के सेक्रेटरी और  भोपाल के रीजनल ऑफिसर को पत्र लिखा गया. बता दें ये पत्र स्कूल ने सीबीएससी नियमावली का उल्लंघन करने के चलते स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है. 

जांच की गई
प्राइवेट पब्लिशर्स ने पब्लिश बूक्स के आईएसबीएन और फीस से जुड़े डॉक्युमेंट्स की जांच के लिए एक टीम बनाई. इस टीम ने इन डॉक्युमेंट्स की अच्छी तरह जांच की. जांच रिपोर्ट में टीम ने पाया कि स्कूल के फीस स्ट्रक्चर और फीस की बढ़ोतरी में कई गड़बडियां हैं. स्कूल मैनेजमेंट ने सेशन 2017-18 से 2022-23 तक द सोसायटी ऑफ अबे बरने को  3 करोड़ 32 लाख रुपए ट्रांसफर किए हैं. 

सूचना पत्र जारी
स्कूल को एक कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है. इस पत्र में स्कूल से इन गड़बड़ियों और अनुचित फीस बढ़ोतरी के बारे में जवाब मांगा है. जिला समिति के सचिव एस.के. नेमा ने बताया कि कारण बताओ सूचना पत्र और डॉक्युमेंट्स की अच्छी तरह जांच की गई. जिसके बाद ही समिति ने स्कूल को 2021-22 से 2024-25 तक की गई अनुचित फीस वृद्धि की राशि वापस करने का आदेश दिया हैं. 

जिला समिति ने आदेश दिए 
जिला समिति ने स्कूल को 30 दिन के भीतर स्टूडेंट्स को सेशन 2021-22 से 2024-25 तक की कूल फीस 1 करोड़ 87 लाख 35 हजार 810 रुपये वापस देने के आदेश दिए. साथ ही स्टूडेंड्स को डुप्लीकेट आईएसबीएन बूक्स के 18 लाख 96 हजार 483 रुपयों को भी वापस लौटाने का आदेश दिया.  स्कूल इन आदेशों का पालन करेगी तभी उन्हें कोई राहत दी जायेगी.

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