परीक्षा कॉपी का बंडल खोने का मामला, राज्य सूचना आयोग ने दिखाई गंभीरता
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परीक्षा कॉपी का बंडल खोने का मामला, राज्य सूचना आयोग ने दिखाई गंभीरता

राज्य सूचना आयोग ने डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन परीक्षा में 197 परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल न मिलने को गंभीरता से लिया है. 

फाइल फोटो

Jaipur : राज्य सूचना आयोग ने डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन परीक्षा में 197 परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल न मिलने को गंभीरता से लिया है. आयोग (State Information Commission) ने इस मामले में पुलिस से मदद लेने का निर्दश दिया है. साथ ही इस परीक्षा के आयोजक राष्ट्रिय मुक्त विद्यालयी संस्थान से भी जवाब तलब किया है.

चित्तौड़गढ़ जिले की एक परीक्षार्थी ने सूचना आयोग को शिकायत की थी कि वो लम्बे समय से अपनी उत्तर पुस्तिका की प्रतिलिपि मांग रही है. मगर न तो आयोजक संस्थान कोई संतोषप्रद जवाब दे रहे हैं, न ही वो सरकारी स्कूल जहां वर्ष 2018 में यह परीक्षा आयोजित की गई थी. उलटे विद्यार्थियों को उस विषय में गैर हाजिर दिखा गया. यह परीक्षा चितौड़गढ़ जिले में सेंती की राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में दिसंबर, 2018 में आयोजित की गई थी.

परीक्षार्थियों को दिखा दिया एक विषय में गैरहाजिर
इस मामले में आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान स्कूल के प्रतिनिधि ने कहा कि परीक्षा सम्प्पन होने के बाद स्कूल ने प्रश्न पत्र कोड 506 और 507 के बंडल डाक घर को सौंप दिए ताकि इन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान प्रयागराज पहुंचाया जा सके. स्कूल प्रबंधन ने डाक घर से जानकारी मांगी तो बताया गया कि उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल 28 दिसंबर, 2018 को डिलीवर कर दिए गए. मगर परिणाम घोषित हुए तो परीक्षार्थियों को एक प्रश्न पत्र में अनुपस्थित बता दिया गया.  

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अंक तालिका महज कागज का पुर्जा नहीं - बारेठ
मामले में सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त नारायण बारेठ (Information Commissioner Narayan Bareth) ने स्कूल प्रबंधन से कहा उत्तर पुस्तिका से अंक तालिका बनती है. अंक तालिका कोई कागज का पुर्जा नहीं है. अंक तालिका की बुनियाद पर कोई परीक्षार्थी अपने भविष्य के  ख्वाबों की इमारत खड़ी करता है. बारेठ ने स्कूल प्रबंधन से कहा उत्तर पुस्तिका गायब हो जाना एक गंभीर मामला है. सूचना आयुक्त बारेठ ने स्कूल प्रबंधन से कहा वे इस मामले की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाए. आवेदक परीक्षार्थी ने आयोग को बताया कि  राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से सूचना मांगी गई तो यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. आयोग पहुंचे  परीक्षर्थी ने कहा इस घटना से उनके भविष्य पर बुरा असर पड़ा है. विद्यार्थी का कहना था कि उत्तर पुस्तिकाएँ मूल्यांकन से पहले ही गुमा दी गई है.

इससे पहले 1 फरवरी ,2021 को आयोग ने स्कूल प्रबंधन से कहा था कि वो राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से सम्पर्क कर उत्तर पुस्तिक उपलब्ध करवाए. आयोग के इस आदेश की पालना न होने पर विद्यार्थी ने फिर से आयोग का रुख किया और शिकायत की. आयोग ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से भी जवाब तलब किया है.

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