Rajasthan में स्कूल खोलने की तैयारी, डोटासरा बोले-हम नहीं चाहते कि बच्चों को भविष्य खराब हो
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Rajasthan में स्कूल खोलने की तैयारी, डोटासरा बोले-हम नहीं चाहते कि बच्चों को भविष्य खराब हो

राजस्थान में बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से निरंतर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur : राजस्थान में बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से निरंतर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. ऑनलाइन एजुकेशन बच्चों को प्रॉपर मिल सके इसके साथ ही उनकी पढ़ाई किसी भी प्रकार से बाधित ना हो. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने कई संस्थाओं के साथ एमओयू किए हैं और इसी कड़ी में अब शिक्षा विभाग एक कदम और आगे बढ़ाने जा रहा है. बेहतर शिक्षा देने के लिए कई संस्थानों ने शिक्षा विभाग के सामने अपने प्रपोजल प्रस्तुत किए थे और इन्हीं प्रपोजल और एमओयू को लेकर आज शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) की अध्यक्षता में शिक्षा संकुल में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि और शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.

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एक संस्थान द्वारा एक ऐसा मिनी थियेटर बनाया गया है. जिसमें बच्चों (Students) को गांव-गांव ढाणी-ढाणी जाकर शैक्षणिक फिल्में दिखाई जाएगी. एक बड़ी बस में बने हुए इस मिनी थियेटर का निरीक्षण करने के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इसकी तारीफ भी की. शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर इस स्थान के साथ एमओयू भी साइन किए गए. साथ ही बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक संस्थान द्वारा बालिकाओं को टेबलेट वितरण की योजना का एमओयू भी प्रस्तुत किया. 

मीटिंग के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि "पिछले डेढ़ साल से कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई काफी बाधित हुई है, लेकिन प्रदेश के विभिन्न संस्थानों और भामाशाहों ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर के प्रयासों से बच्चों को समय पर ऑनलाइन एजुकेशन भी दी गई साथ ही नए आयाम भी स्थापित किए गए हैं. मिनी थियेटर के जरिए ग्रामीण बच्चों को ज्यादा फायदा मिलेगा. जिन बच्चों ने अभी तक सिनेमा नहीं देखा है उनको भी इससे काफी फायदा मिलेगा. साथ ही सरकार अपनी लाभकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी इसके माध्यम से कर सकेगी. पहले फेज में ऐसी दो बसों का संचालन किया जाएगा. इसके बाद इनकी संख्या में इजाफा भी किया जाएगा. तो वहीं, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक संस्थान द्वारा टेबलेट वितरण का प्रपोजल भी रखा गया है. और जल्द ही इस संस्थान के साथ भी एमओयू साइन करने पर कार्य किया जाएगा."

कोरोना के चलते पिछले करीब 3 महीनों से प्रदेश के स्कूल बंद पड़े हैं और अब कोराना की दूसरी लहर का असर लगभग खत्म होने को है. ऐसे में एक बार फिर से स्कूलों में घंटियां बज सके और बच्चे आ कर ऑफलाइन पढ़ाई कर सकें इस को लेकर पूछे गए सवाल पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि "इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी चर्चा की जा चुकी है. और शिक्षा विभाग के अधिकारी फिलहाल इसी मंथन में लगे हुए हैं. सरकार यह नहीं चाहती कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ किया जाए, लेकिन ये फैसला लेना एक  दोधारी तलवार है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता. क्योंकि उनके भविष्य का सवाल है. शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों को खोलने को लेकर फिलहाल मंथन कर रहे हैं, लेकिन इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ही करेंगे."

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