जलदाय विभाग: हर संभाग में चीफ इंजीनियर लगेंगे, नए प्रस्ताव की तैयारी में जुटी सरकार
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जलदाय विभाग: हर संभाग में चीफ इंजीनियर लगेंगे, नए प्रस्ताव की तैयारी में जुटी सरकार

करोड़ों की योजनाओं पर नियंत्रण के लिए पीएचईडी में अब नए प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, जिसमें हर रीजन को चीफ इंजीनियर के हाथ में कंट्रोल होगा. 

जलदाय विभाग: हर संभाग में चीफ इंजीनियर लगेंगे, नए प्रस्ताव की तैयारी में जुटी सरकार

Jaipur: जलदाय विभाग में पानी की योजनाओं के श्रेष्ठ नियंत्रण के लिए राज्य सरकार अब सिस्टम बदलने की तैयारी कर रही है. पीएचईडी में प्रत्येक रीजन स्तर पर चीफ इंजीनियर लगाने पर विचार किया जा रहा है. यदि ये प्रस्ताव स्वीकृत होता है तो विभाग को 4 नए चीफ इंजीनियर और मिलेंगे.

पहले जलदाय विभाग में एक चीफ इंजीनियर ही पूरे राजस्थान में पानी की योजनाओं पर नियंत्रण करता था लेकिन वक्त के साथ-साथ योजनाओं के दबाव के कारण चीफ इंजीनियर की नई पोस्ट क्रिएट की. करोड़ों की योजनाओं पर नियंत्रण के लिए पीएचईडी में अब नए प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, जिसमें हर रीजन को चीफ इंजीनियर के हाथ में कंट्रोल होगा. अभी एडिशनल चीफ इंजीनियर रीजन का कंट्रोल होता है. यदि इस प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो हर संभाग में एक चीफ इंजीनियर पीएचईडी की योजनाओं का जिम्मा होगा. जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि श्रेष्ठ नियंत्रण के लिए सरकार इस प्रस्ताव विचार कर रही है, जो भी फैसला लिया जाएगा, विभाग के हित में होगा.

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रीजन पर प्रोजेक्ट्स का दबाव
ये प्रस्ताव इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि लगातार चीफ इंजीनियर पर काम का दबाव बढ़ता जा रहा है. सातों रीजनों को जल जीवन मिशन में 2024 तक 50,139 करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे करने हैं, जिसमें अजमेर को 5281 करोड़, भरतपुर को 3536 करोड़, चूरू को 4120 करोड़, जयपुर को 5321 करोड़, जोधपुर को 12507 करोड़, नागौर को 1763 करोड़, उदयपुर रीजन को 7881 करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे करने हैं.

कुछ ऐसे एडजस्ट हो सकती है चीफ की कुर्सी
नए प्रस्ताव के मुताबिक एक रीजन में एक के हिसाब से 7 चीफ इंजीनियर रीजन में, 1-1 जयपुर और जोधपुर में लगाए जाएंगे. इसके अलावा चीफ इंजीनियर ग्रामीण-जेजेएम, शहरी, टीएम, एडमिन लगाए जा सकेंगे.बताया जा रहा है. इस प्रस्ताव पर मौजूदा सभी चीफ इंजीनियर के हस्ताक्षर होंगे, जिसके बाद में प्रस्ताव को आगे बढाया जाएगा.फिलहाल ये प्रस्ताव अभी विभाग में ही अटका हुआ है. वित्त विभाग को नहीं भेजा है.ऐसे में अब देखना होगा कि क्या समय की मांग को देखते हुए इस प्रस्ताव पर सरकार मुहर लगाएगी.

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