आतंकवाद पाकिस्तान की सरकारी नीति का हिस्सा, पड़ोसी देश को सबक सिखाना जरूरी : सैन्य विशेषज्ञ
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आतंकवाद पाकिस्तान की सरकारी नीति का हिस्सा, पड़ोसी देश को सबक सिखाना जरूरी : सैन्य विशेषज्ञ

जनरल सिंह ने कहा कि सरकार जानती है कि कब और कैसे इसका जवाब देना है. ऐसा हो सकता है कार्रवाई तुरंत न हो, क्योंकि पाकिस्तान इस समय चौकन्ना होगा

उन्होंने कहा कि घाटी में युवाओं में बढ़ते कट्टरपंथ के प्रभाव पर भी ध्यान देना होगा.(फाइल फोटो)

नई दिल्लीः पुलवामा आतंकी हमले को लेकर सरकार पर कार्रवाई करने के बढ़ते दबाव के बीच रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि दशकों से आतंकवाद को सरकारी नीति के रूप में इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग थलग करने के साथ सैन्य कदम उठाकर सबक सिखने की जरूरत है. पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने  बातचीत में कहा कि देश के समग्र राजनीतिक नेतृत्व की ओर से प्रदर्शित राजनीतिक इच्छाशक्ति के आधार पर यह कहा जा सकता है कि पाकिस्तान को आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति के रूप में इस्तेमाल करने के लिये निश्चित तौर पर सबक सिखाये जाने की जरूरत है. जनरल सिंह ने कहा कि सरकार जानती है कि कब और कैसे इसका जवाब देना है. ऐसा हो सकता है कार्रवाई तुरंत न हो, क्योंकि पाकिस्तान इस समय चौकन्ना होगा, ऐसे में कार्रवाई करने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है.

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उरी आतंकी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक के समय उत्तरी कमान के कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उरी आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी. सैन्य बलों के सीमा पार जाकर कार्रवाई करने से लेकर वायु सेना के उपयोग तक, हमारे पास कई विकल्प हैं. सार्वजनिक तौर पर इनका जिक्र नहीं किया जा सकता. साथ ही सीमा पर और कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव भी बनाना होगा. पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त एवं रक्षा मामलों के विशेषज्ञ जी पार्थसारथी ने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये अनेकानेक विकल्प है . कूटनीतिक स्तर पर अलग थलग करना एक सतत प्रक्रिया है. साथ ही सैन्य स्तर पर कार्रवाई को लेकर विकल्प हैं. इस बारे में समय और कार्रवाई राजनीतिक नेतृत्व को तय करना है. पाकिस्तान को बेहद कड़ा संदेश देने की जरूरत है. 

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उन्होंने कहा कि घाटी में युवाओं में बढ़ते कट्टरपंथ के प्रभाव पर भी ध्यान देना होगा. आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा बेहद कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित हैं. नई रणनीति के तहत घाटी में घुसपैठ के बाद ये युवाओं को साथ जोड़ते हैं और कट्टरपंथी विचारधारा के दायरे में लाते हैं . इस विषय पर भी सूक्ष्म रणनीति के तहत ध्यान देने की जरूरत है. 

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रक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर :सेवानिवृत: आर महालिंगम ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पुलवामा आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई. इसे अंजाम देने वालों को दंडित करना जरूरी है. राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाते हुए व्यवस्थित रणनीति के तहत कार्रवाई करने की जरूरत है. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर बृहस्पतिवार को हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए. पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

(इनपुट भाषा)

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