West Bengal News: जिस अधिकारी के लिए धरने पर बैठ गई थीं ममता, उसे फिर बनाया बंगाल का DGP
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West Bengal News: जिस अधिकारी के लिए धरने पर बैठ गई थीं ममता, उसे फिर बनाया बंगाल का DGP

West Bengal New DGP: आज से करीब 5 साल पहले सीएम ममता बनर्जी जिस आईपीएस अधिकारी को बचाने के लिए धरने पर बैठ गई थीं. उसे उन्होंने फिर से पश्चिम बंगाल का नया डीजीपी बना दिया है. 

West Bengal News: जिस अधिकारी के लिए धरने पर बैठ गई थीं ममता, उसे फिर बनाया बंगाल का DGP

West Bengal DGP Rajeev Kumar Profile: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खासमखास आईपीएस अफसर राजीव कुमार को फिर से राज्य का डीजीपी नियुक्त किया गया है. जबकि मौजूदा डीजीपी संजय मुखर्जी को ट्रांसफर कर फायर ब्रिगेड और इमरजेंसी सर्विसेज का डीजी बना दिया गया है. इसके साथ ही राजीव कुमार एक बार फिर राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी की अपनी भूमिका में लौट आए हैं. 

चुनाव आयोग ने इस साल पद से हटाया था

पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को राज्य पुलिस प्रमुख के पद पर बहाल कर दिया है. राजीव कुमार को पिछले साल दिसंबर में कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. लेकिन उन्हें इस साल लोकसभा चुनाव से पहले भारत के चुनाव आयोग के आदेश के बाद पद से हटा दिया गया था.

संजय मुखर्जी फिर से अग्निशमन डीजी बनाए गए

उन्हें हटाए जाने के बाद 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय मुखर्जी को राज्य का डीजीपी नियुक्त किया गया था. अब जबकि लोकसभा चुनाव और चार विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव खत्म हो गए हैं और आदर्श आचार संहिता भी खत्म हो गई है, ऐसे में राजीव कुमार को शीर्ष पुलिस पद पर बहाल कर दिया गया गया. उधर संजय मुखर्जी अपने महानिदेशक, अग्निशमन सेवा पद पर वापस चले गए हैं.

शारदा चिटफंड घोटाले में आया था नाम

राजीव कुमार का नाम तब विवादों में आया था जब सीबीआई ने उन पर करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड मामले में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. राज्य के विपक्षी नेताओं ने अक्सर उन पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया है.

राजीव को बचाने के लिए अड़ गई थीं ममता

फरवरी 2019 में, सीबीआई ने राजीव कुमार के आवास पर छापेमारी की कोशिश की थी. तब वे कोलकाता पुलिस के आयुक्त थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थीं. तब इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था और बाद में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. बाद में अदालत के आदेश पर राजीव कुमार से मेघालय में पूछताछ की गई थी.

2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले, कुमार को चुनाव आयोग ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया था. हालांकि, उस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद उन्हें फिर से उस कुर्सी पर बहाल कर दिया गया.

(एजेंसी इनपुट आईएएनएस)

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