Yashwant Sinha in Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) एक के बाद एक झटके लगते जा रहे हैं. शिवसेना और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बाद अब एक और विपक्षी पार्टी ने उनका हाथ झटकने की घोषणा कर दी है.
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Yashwant Sinha in Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की राह काफी मुश्किल है और चुनाव में उनकी हार तय मानी जा रही है. इस बीच चुनाव से पहले एक अखबार की पुरानी खबर ने विपक्ष की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. साथ ही इस अखबार की कटिंग के जरिए सत्ताधारी दल बीजेपी ने विपक्षी एकता पर निशाना साधा है. इस अखबार की कटिंग में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का एक बयान है जिसमें उन्होंने सपा संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को आईएसआई का एजेंट बताया था.
केशव प्रसाद मौर्य ने शेयर की कटिंग
सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने भी खबर की कंटिंग को शेयर करते हुए अखिलेश यादव पर निशाना साधा है और उनसे यशवंत सिन्हा को समर्थन देने की वजह पूछी है. अखबार की खबर के मुताबिक यशवंत सिन्हा ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुलायम सिंह को ISI एजेंट बताया था.
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने तत्कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एजेंट होने का आरोप लगाया था. एचडी देवेगौड़ा से खुफिया फाइलों में खुद की टिप्पणियों को देखने का आग्रह भी किया था. इस कटिंग में नेपाल की संसद के सदस्य मिर्जा दिलशाद बेग के साथ मुलायम के घनिष्ठ संबंध होने का भी जिक्र किया था. मुलायम सिंह पर बिहार और UP में ISI की बढ़ती गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल होने तक का आरोप लगाया गया था.
अखिलेश यादव के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किलें
तब यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने कहा था कि मुलायम सिंह को रक्षा मंत्री बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आने के साथ यह पुरानी खबर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. वह खुले तौर पर यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं और उनके नामांकन के दौरान भी यशवंत सिन्हा के साथ खड़े हुए थे.
यशवंत सिन्हा की मुश्किल केवल यहीं तक नहीं है. शिवसेना और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बाद अब कर्नाटक की क्षेत्रीय पार्टी जनता दल सेक्युलर ने भी एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को अपना समर्थन दे दिया. शुक्रवार को पार्टी नेताओं से मीटिंग के बाद एच डी कुमार स्वामी ने कहा कि पीएम रहते हुए एच डी देवगौड़ा ने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया था. उनके इसी सिद्धांत को आगे बढ़ाते हुए पार्टी ने आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है.
नीतीश कुमार से भी यशवंत को मिला झटका
विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को बिहार से भी झटका मिला है. यशवंत सिन्हा ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने समर्थन मांगने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार को फोन मिलाया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की. यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘जब विपक्षी दलों ने मुझे अपना साझा उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया, तो कई राज्यों में फोन के जरिए संपर्क साधने के क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री को भी कई बार संदेश भिजवाया कि मैं उनसे बात करना चाहता हूं, पर शायद ‘स्टेटस’ की तुलना में इतना नीचे था कि उन्होंने मुझसे बात करना उचित नहीं समझा.’
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