‘अमृतधारा’ सिरदर्द से लेकर पेट की समस्याओं को कर सकती है दूर, ऐसे बनाएं घर पर
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‘अमृतधारा’ सिरदर्द से लेकर पेट की समस्याओं को कर सकती है दूर, ऐसे बनाएं घर पर

अमृतधारा ऐसी हर्बल आयुर्वेदिक दवा है जो जीवन रक्षक है. हालांकि ये बाजार में भी मौजूद है लेकिन इसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है. चलिए जानें इसे कैसे बनाएं और क्या हैं इसके फायदे...

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली : अमृतधारा कई बीमारियों को ठीक करने में बहुत उपयोगी है. ये आयुर्वेद दवा गैस्ट्रिक, अपच, डायरिया, इर्रिटेबल बाउल मूवमेंट, मतली, दांत में दर्द, हिचकी में बहुत लाभकारी है. साथ ही ये जले कटे हुए, मच्छर के काटने और घाव के लिए भी लाभकारी है. ये दवा लिक्विड और पाउडर दोनों तरह से उपलब्ध है. चलिए जानें इसके अन्य लाभों और घर में बनाने के तरीके के बारे में.

  1. अमृतधारा लिक्विड और पाउडर दोनों तरह से उपलब्ध है
  2. अमृतधारा पेट से संबंधित समस्याओं के लिए लाभदायक है
  3. अदरक के रस में कुछ बूंदे डालकर सेवन करने से दस्त बंद होते हैं

अमृतधारा में मौजूद सामग्री

अमृतधारा कई चीजों के मिश्रण से बनती है. इसमें अजवायन का सत्त, पुदीना का सत्त, लौंग का तेल,कपूर, नीलगिरी का तेल जैसी चीजें डलती हैं.

अमृतधारा को कैसे बनाएं

अमृतधारा को घर पर बनाना बहुत आसान है. यदि आप इसमें मौजूद सभी सामग्री ले आते हैं तो ये आसानी से बन सकती है. इसे बनाने के लिए कांच की शीशी, जिसे अच्छी तरह से बंद किया जा सके, का इस्तेमाल होता है. दरअसल, अमृतधारा लिक्विड होती है जो कि बहुत जल्दी हवा के संपर्क में आते ही उड़ने लगती है. ऐसे में इसे कांच के टाइट ढक्कन वाली शीशी में बंद करके रखा जाता है.

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सबसे पहले कांच की शीशी को गर्म पानी में धोकर अच्छी तरह से सुखा लें. अब इस शीशी में 25 ग्राम अजवाइन का सत, 10 मिली लीटर लौंग का तेल, 10 मिली लीटर दालचीनी का तेल, 25 ग्राम देसी कपूर, 25 ग्राम पिपरमेंट सत डालें. इसके बाद शीशी को अच्छी तरह से बंद करके हिलाएं. शीशी को हमेशा टाइट बंद करके ही रखें. कुछ ही देर में इसमें मौजूद सारी सामग्री लिक्वि‍ड की तरह दिखेगी. इसे सीधे धूप से दूर, ठंडी सूखी जगह पर स्टोर करें. जब भी आपको इसे इस्तेमाल करना हो तो कुछ मात्रा में इसे चीनी में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे किसी रूमाल में डालकर सूंधने से सर्दी-खांसी दूर होती है.

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अमृतधारा के मुख्य फायदे

  • गंभीर सर्दी और टॉन्सिल की समस्याओं के इलाज में मदद करता है. इसके लिए चीनी में कुछ बूंदे डालकर खाएं या रूमाल में कुछ बूंदे डालकर सूंधे.
  • जीभ पर इसकी दो से तीन बूंदे रखकर मुंह कर सांस लेने से हिचकी रोकने में मदद मिलती है.
  • जोड़ों और मांसपेशियों या सिर में वैसलीन के साथ लगाने से दर्द को कम करने में सहायता मिलती है.
  • पेट से संबंधित समस्याओं, गैस्ट्रिक, पाचन और उल्टी के लिए उपाय लाभदायक है. इसके लिए इसकी 3-4 बूंदें पानी में डालकर पीएं.
  • अदरक के रस में कुछ बूंदे डालकर सेवन करने से दस्त बंद होते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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