Trending Photos
नई दिल्ली : अमृतधारा कई बीमारियों को ठीक करने में बहुत उपयोगी है. ये आयुर्वेद दवा गैस्ट्रिक, अपच, डायरिया, इर्रिटेबल बाउल मूवमेंट, मतली, दांत में दर्द, हिचकी में बहुत लाभकारी है. साथ ही ये जले कटे हुए, मच्छर के काटने और घाव के लिए भी लाभकारी है. ये दवा लिक्विड और पाउडर दोनों तरह से उपलब्ध है. चलिए जानें इसके अन्य लाभों और घर में बनाने के तरीके के बारे में.
अमृतधारा कई चीजों के मिश्रण से बनती है. इसमें अजवायन का सत्त, पुदीना का सत्त, लौंग का तेल,कपूर, नीलगिरी का तेल जैसी चीजें डलती हैं.
अमृतधारा को घर पर बनाना बहुत आसान है. यदि आप इसमें मौजूद सभी सामग्री ले आते हैं तो ये आसानी से बन सकती है. इसे बनाने के लिए कांच की शीशी, जिसे अच्छी तरह से बंद किया जा सके, का इस्तेमाल होता है. दरअसल, अमृतधारा लिक्विड होती है जो कि बहुत जल्दी हवा के संपर्क में आते ही उड़ने लगती है. ऐसे में इसे कांच के टाइट ढक्कन वाली शीशी में बंद करके रखा जाता है.
ये भी पढ़ें :- जब बीवी को बॉस ने 3 बजे किए अश्लील मैसेज, जानें फिर क्या हुआ
सबसे पहले कांच की शीशी को गर्म पानी में धोकर अच्छी तरह से सुखा लें. अब इस शीशी में 25 ग्राम अजवाइन का सत, 10 मिली लीटर लौंग का तेल, 10 मिली लीटर दालचीनी का तेल, 25 ग्राम देसी कपूर, 25 ग्राम पिपरमेंट सत डालें. इसके बाद शीशी को अच्छी तरह से बंद करके हिलाएं. शीशी को हमेशा टाइट बंद करके ही रखें. कुछ ही देर में इसमें मौजूद सारी सामग्री लिक्विड की तरह दिखेगी. इसे सीधे धूप से दूर, ठंडी सूखी जगह पर स्टोर करें. जब भी आपको इसे इस्तेमाल करना हो तो कुछ मात्रा में इसे चीनी में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे किसी रूमाल में डालकर सूंधने से सर्दी-खांसी दूर होती है.
ये भी पढ़ें :- कुछ हटकर बितानी हैं छुट्टियां, ये जगहें हैं आपके लिए परफेक्ट
ये भी पढ़ें :- काम करते-करते थक चुके हैं तो यहां जरूर जाएं घूमने, बिना मोबाइल मिलेगा सुकून
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)