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नई दिल्ली: कई बार ऐसा होता है कि बिस्तर पर जाने के घंटों बाद भी नींद नहीं आती (Insomnia) और आप करवट बदलते रहते हैं. कभी ठंड का अहसास होता है तो कभी गर्मी लगने लगती है और कभी बिस्तर कंफर्टेबल नहीं लगता है. लेकिन सारी चीजें सही करने के बाद भी कई बार नींद सही से नहीं आती है.
रोजाना कम से कम 7 घंटे की चैन की नींद लेना बेहद जरूरी है. इससे आपका शरीर और दिमाग, दोनों सही तरीके से काम करते हैं. अगर शरीर को पर्याप्त नींद (Sleeping Facts) न मिले तो सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. कुछ लोगों की नींद कई बार या रोजाना एक ही समय पर खुल जाती है. जानिए ऐसा क्यों होता है.
कभी-कभी बीच रात में पानी पीने या टॉयलेट जाने के लिए उठना सामान्य है. लेकिन कुछ लोगों के साथ ऐसा रोजाना होता है. यह किसी बीमारी का संकेत या गलत आदतों का नतीजा हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति को बिस्तर पर जाने के घंटों बाद तक नींद न आती हो या गहरी नींद लेने में / सोते रहने में समस्या महसूस हो रही हो तो इसके कई कारण (Sleeping Facts) हो सकते हैं.
कई बार आपकी गलत लाइफस्टाइल (Lifestyle) भी बड़ी बीमारी को न्योता दे सकती है. जानिए बीच रात में नींद खुलने के कारण और लक्षण.
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कॉफी में मौजूद कैफीन (Caffeine) तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित कर आपको चौकस रखने का काम करता है. कॉफी एक साइकोऐक्टिव (Psychoactive) पदार्थ है, जिसका दुनियाभर में सबसे ज्यादा सेवन किया जाता है. अगर आप भी ऑफिस से आकर थकान उतारने के लिए देर शाम एक गर्म कॉफी पी लेते हैं तो यह शरीर की थकान उतारने के साथ ही बॉडी क्लॉक (Body Clock) को भी डिस्टर्ब करने का काम करता है. नींद पर कैफीन का बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है.
बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि रात में सोने से पहले अगर एल्कोहॉल का छोटा ड्रिंक लिया जाए तो नींद आने में मदद मिलती है. इसमें कोई शक नहीं कि एल्कोहॉल अवसादक (Depressant) होता है और इसलिए इसके सेवन से व्यक्ति को ऊंघाई आने लगती है और जल्दी सोने में मदद मिलती है. दरअसल एल्कोहॉल के सेवन के बाद नींद को बढ़ावा देने वाले केमिकल एडिनोसिन का उत्पादन शरीर में बढ़ जाता है.
हालांकि, यह केमिकल जितनी जल्दी बढ़ता है, उतनी ही तेजी से कम भी हो जाता है और इसलिए व्यक्ति की नींद पूरी होने से पहले ही बीच रात में नींद खुल जाती है.
स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) नींद से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें आपके मुंह और गले के ऊत्तक वायुमार्ग (Tissue Airway) बंद हो जाते हैं. इससे सोते वक्त सांस लेने में रुकावट आने लगती है. ऐसे में आपका मस्तिष्क बार-बार आपको जगा देता है ताकि आप फिर से दोबारा सही तरीके से सांस ले पाएं. इसका सबसे असरदार इलाज है कि आप एक ऐसी ब्रीदिंग मशीन (Breathing Machine) लगाकर सोएं, जो आपको बार-बार उठने से रोक सके.
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अगर आप किसी भी तरह के स्ट्रेस (Stress) में है तो आपकी नींद जरूर प्रभावित होगी. जब हम तनाव में होते हैं तो शारीरिक और मनोवैज्ञानिक उत्तेजना की वजह से शरीर और दिमाग रिलैक्स नहीं हो पाता है. तब बिस्तर में जाने के बाद भी या तो नींद नहीं आती और अगर आ भी जाती है तो गहरी नींद नहीं आती और बीच रात में खुल जाती है. इसलिए तनाव को कम करने की कोशिश करें.
अगर आप किसी तरह के ट्रॉमा (Trauma) या सदमे से गुजरे हों तो इसका भी चैन और सुकून से सोने या गहरी नींद पर असर पड़ता है. पीटीएसडी (PTSD) यानी पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (Post Traumatic Stress Disorder) का अनुभव करने वाले लोग बार-बार उसी घटना के बारे में सोचते रहते हैं. इससे उन्हें बुरे सपने आते हैं, जिसका उनकी नींद पर सीधा असर पड़ता है.
पीटीएसडी की समस्या सैनिकों के अलावा कार दुर्घटना में बचने वाले लोग, रेप पीड़िता, घरेलू हिंसा का शिकार हुए लोग और अब कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित लोगों में देखने को मिल रही है.
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अगर आप एक महिला हैं और आपकी उम्र 40 साल से अधिक है तो आपकी नींद खुलने का एक कारण मेनोपॉज (Menopause) भी हो सकता है. इसमें बीच रात में बहुत अधिक पसीना निकलने की वजह से आपकी नींद खुल जाती है. इस दौरान शरीर में मौजूद हॉर्मोन्स में काफी उतार-चढ़ाव होता है, जिसकी वजह से मेनोपॉज से जुड़े हॉट फ्लैश (Hot Flash) और रात के समय पसीना निकलने जैसी समस्याएं होती हैं.
इसकी वजह से न सिर्फ आपको असहजता महसूस होती है बल्कि आपकी स्लीप साइकिल (Sleep Cycle) भी प्रभावित होती है.
शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए अच्छी तरह से सोना और नींद लेना बेहद जरूरी है. अगर आपको भी नींद आने में दिक्कत महसूस हो रही हो तो अपनी रोजाना की लाइफस्टाइल (Lifestyle) पर ध्यान दें. अपने सोने का एक रूटीन (Sleeping Routine) बनाएं और उसे फॉलो करें. आप चाहें तो अच्छी नींद के लिए आयुर्वेद से जुड़े कुछ टिप्स या इन टिप्स (Sleeping Tips) को फॉलो कर सकते हैं.
1. सोने से ठीक पहले भारी भोजन का सेवन करने से बचें.
2. सोने से ठीक पहले गर्म पानी से नहाना भी शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है.
3. आप चाहें तो सोने से पहले मन को शांत करने वाला संगीत भी सुन सकते हैं.
4. जहां तक संभव हो, एक्सट्रा इलेक्ट्रॉनिक सामान को बेडरूम से बाहर कर दें.
5. कमरे में भारी पर्दे लगाएं ताकि रोशनी न आए और अगर नाइट लैंप यूज कर रहे हों तो उसकी भी रोशनी कम कर दें.
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