बठिंडा लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय हुआ मुकाबला, शिरोमणि अकाली दल की बढ़ी चुनौती
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बठिंडा लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय हुआ मुकाबला, शिरोमणि अकाली दल की बढ़ी चुनौती

2014 में 16वीं लोकसभा के जनादेश में बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने 19,395 वोटों से जीत हासिल कर कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल को हराया था.

2009 से अब तक यहां शिरोमणि अकाली दल का ही कब्जा है.

बठिंडा: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए राजनीति की शतरंज बिछ चुकी है. राजनीति की इस शतरंज में पंजाब के बठिंडा लोकसभा सीट पर भी पार्टियों ने राजनीति के दांव लगाने शुरू कर दिए हैं. पिछले चुनाव की बात करें तो बठिंडा लोकसभा सीट पर शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने जीत हासिल की थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में उऩ्हें 5,14,727 मत मिले थे. वहीं कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल दूसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें 4,95,323 वोट मिले थे.

वहीं बठिंडा लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो यहां की राजनीतिक जमीन पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और CPI के बीच रहा है. हालांकि इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल ने सबसे ज्यादा जीत हासिल की है. यहां तक कि 2009 से अब तक यहां शिरोमणि अकाली दल का ही कब्जा है. 

2014 में 16वीं लोकसभा के जनादेश में बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने 19,395 वोटों से जीत हासिल कर कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल को हराया था. पिछली लोकसभा चुनाव में उन्हें 43.73 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के मनप्रीत को 42.09 फीसदी वोट पड़े थे. वहीं आम आदमी पार्टी के जसराज सिंह लोंगिया यहां तीसरे नंबर पर रहे थे.

बठिंडा लोकसभा के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 1952 में यहां पहला लोकसभा चुनाव हुआ था, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जीत हांसिल की थी. बता दें कि अब तक 1952 से अब तक 18 बार चुनाव हुए हैं जिसमें कांग्रेस ने 6 बार जीत का परचम लहराया है. वहीं 1996 से 2014 के बीच में सिर्फ एक बार कम्यूनिस्ट पार्टी और इंडिया के उम्मीदवार को जीत मिली थी. वहीं शिरोमणि अकाली दल इस सीट पर सबसे अधिक कब्जा रहा है.

बठिंडा लोकसभा सीट में विधानसभा की 9 सीटें आती हैं, जिनमें बठिंडा ग्रामीण (सुरक्षित), तलवंडी साबो, मौर, मनसा, सरदूलगढ़ व बुढलाडा (सुरक्षित) शामिल, लांबी, भुचो मंडी (सुरक्षित), बठिंडा शहर, हैं. वहीं लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो इस बार इस सीट पर राजनीति का के दंगल में उम्मीदवारों का कड़ा मुकाबला है. खबरों के मुाकबिक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी हरसिमरत के खिलाफ मजबूती से ताल ठोक रही है. 

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