जांच के बाद किशनगंज में दो, कटिहार में छह, पूर्णिया में एक, भागलपुर में सात और बांका में तीन नामांकन पत्र रद्द किए गए.
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पटना : बिहार की जिन पांच लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण के तहत आगामी 18 अप्रैल को मतदान होना है उसके लिए दाखिल किए गए कुल 89 नामांकन पत्रों में से 70 जांच के बाद वैध पाए गए. अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि दूसरे चरण के संसदीय क्षेत्रों में दाखिल नामांकन पत्रों की जांच में कुल 70 नामांकन पत्र वैध पाये गए हैं.
उन्होंने बताया कि किशनगंज में 14 नामांकन पत्र, कटिहार में 11 नामांकन पत्र, पूर्णिया में 16 नामांकन पत्र, भागलपुर में नौ नामांकन पत्र और बांका में 20 नामांकन पत्र वैध पाये गए.
सिंह ने बताया कि बुधवार को जांच के बाद किशनगंज में दो, कटिहार में छह, पूर्णिया में एक, भागलपुर में सात और बांका में तीन नामांकन पत्र रद्द किए गए. उन्होंने बताया कि इन लोकसभा क्षेत्रों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने वाले आगामी 29 मार्च तक अपने नाम वापस ले सकते हैं .
लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण की इन पांच सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने वाले प्रमुख उम्मीदवारों जिनके नामांकन पत्र जांच के बाद वैध पाए गए उनमें कटिहार से कांग्रेस के तारिक अनवर, जदयू के दुलाल चंद गोस्वामी, राकांपा के मोहम्मद शकूर, निर्दलीय उम्मीदवार अशोक अग्रवाल, पूर्णिया से कांग्रेस के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह और जदयू के संतोष कुशवाहा, किशनगंज से कांग्रेस के मोहम्मद जावेद, जदयू के महमूद अशरफ और एआईएमआइएम के अख्तरुल ईमान, बांका से राजद के जय प्रकाश नारायण यादव और जदयू के गिरधारी यादव, भागलपुर से जदयू के अजय मंडल और राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल (भागलपुर) शामिल हैं .
सिंह ने बताया कि तीसरे चरण वाले संसदीय क्षेत्र झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया में होने वाले चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिये आयोजित बैठक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एच आर श्रीनिवासन की अध्यक्षता में बुधवार को सहरसा में संपन्न हुई जिसमें इन जिलों के चुनाव से संबंधित वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भाग लिया .
उन्होंने बताया कि सहरसा, खगड़िया, मधेपुरा जैसे रिवराइन इलाकों में गश्त तेज करने तथा लंबित वारंटों के निष्पादन में भी तेजी लाने का निर्देश दिया गया है.
सिंह ने बताया कि मतदान प्रभावित करने वाले तत्वों को चिह्नित कर ऐसे लोगों पर धारा 107 और सीसीए के तहत कार्रवाई की जा रही है. पुराने वारंटों पर कुर्की-जब्ती की भी कार्रवाई की जा रही है. बिहार में अबतक कुल 1 करोड़ 12 लाख रुपये की जब्ती हुई है.