Banke Bihari temple: इसका कारण बताते हुए कहा गया है कि गर्मी के दौरान उपवास रखने एवं चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार समुचित दवा नहीं लेने से कई बार वृद्ध दर्शनार्थियों एवं विशेष रूप से महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं.
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Vrindavan on Janmashtami: वृन्दावन के बांकेबिहारी मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे जन्माष्टमी के पावन पर्व पर मंदिर आने से पूर्व भीड़ की स्थिति का आकलन अवश्य कर लें. छोटे बच्चों, वृद्धजनों, दिव्यांगजनों एवं अस्वस्थ व्यक्तियों को भीड़-भाड़ वाले वातावरण में लाने से बचें. यदि भीड़ अधिक हो तो किसी अन्य उपयुक्त समय पर दर्शन करने का प्रयास करें. मंदिर प्रबंधन ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर में छोटे बच्चों, वृद्धों, दिव्यांग एवं मरीजों को नहीं लाएं और भीड़ का हिस्सा बनने से बचें.
असल में प्रबंधन ने लोगों से कहा कि श्रद्धालु भीड़ के दौरान मंदिर में छोटे बच्चों, वृद्धों, दिव्यांगों और मरीजों को नहीं लाएं और भीड़ का हिस्सा बनने से बचें. इसमें इसका कारण बताते हुए कहा गया है कि गर्मी के दौरान उपवास रखने एवं चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार समुचित दवा नहीं लेने से कई बार वृद्ध दर्शनार्थियों एवं विशेष रूप से महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं.
दवाइयां एवं चिकित्सा लाभ
यह भी परामर्श दिया गया कि उचित दवाइयां एवं चिकित्सा लाभ लेने के उपरांत ही मंदिर पधारें. दो वर्ष पूर्व जन्माष्टमी की रात बिहारी जी के मंदिर में वर्ष में केवल एक बार रात्रि के तीसरे पहर में होने वाली मंगला आरती के दर्शन के समय अत्यधिक भीड़ की वजह से सांस लेने में शिकायत के चलते दो महिला श्रद्धालुओं की दम घुटने से मृत्यु हो गई थी. इसी रविवार मंदिर से निकलते-निकलते एक बुजुर्ग श्रद्धालु की दम घुटने से मौत हो गई थी.
परामर्श दिया गया कि
मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा एवं उमेश सारस्वत ने बताया कि मंदिर में प्रवेश एवं निकासी द्वार अलग-अलग होने से जूते-चप्पल पहनकर न आएं, क्योंकि एक बार मंदिर से निकलने के बाद जूते-चप्पल पाने के लिए दुबारा वहां पहुंचना संभव नहीं हो पाएगा. मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित सभी प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त की मध्यरात्रि को मनाया जाएगा, जबकि वृन्दावन के ठा. बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 27 अगस्त की रात्रि में मनाई जाएगी. ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालु दो-दो दिन जन्माष्टमी का आनन्द ले सकेंगे. agency input