दुनिया के नंबर-1 गेंदबाज ने कहा- श्रीलंका क्रिकेट की गिरावट को देखकर दुख होता है
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दुनिया के नंबर-1 गेंदबाज ने कहा- श्रीलंका क्रिकेट की गिरावट को देखकर दुख होता है

पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा के बाद दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने भी श्रीलंका क्रिकेट में आई गिरावट पर निराशा जाहिर की. 

श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन एक कार्यक्रम के दौरान. (फोटो: IANS)

चेन्नई: श्रीलंका क्रिकेट अपने अब तक के अपने बुरे दौर से गुजर रहा है. स्वाभाविक है कि इससे उसके पुराने दिग्गज निराश हैं. हाल ही में पूर्व श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने कहा था कि श्रीलंका के खिलाड़ी आपस में झगड़ रहे हैं, जिससे टीम का प्रदर्शन प्रभावित हुआ है. शनिवार को मुथैया मुरलीधरन ने भी श्रीलंकाई क्रिकेट को लेकर अपनी निराशा जाहिर की. उन्होंने इस लगातार गिरते स्तर के लिए प्रतिभाओं की संख्या में गिरावट के साथ-साथ क्रिकेटरों की मौजूदा पीढ़ी में खेल के प्रति जुनून की कमी को जिम्मेदार ठहराया. मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक 800 विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड है. 

श्रीलंका घरेलू और विदेशी सरजमीं पर सभी टेस्ट खेलने वाले देशों से हार रहा है. वह भ्रष्टाचार के आरोपों से भी घिरा है. विश्व क्रिकेट की संचालन संस्था आईसीसी (ICC) देश की क्रिकेट संस्था पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है. यह भी सच है कि श्रीलंकाई क्रिकेट (SL) मुरलीधरन, महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद बदलाव के दौर की प्रक्रिया में उबर नहीं सका है. वैसे, श्रीलंका वनडे और टी20 दोनों विश्व कप जीत चुका है. 

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मुरलीधरन ने शनिवार (9 फरवरी) को कहा, ‘मैं संन्यास लेने के बाद श्रीलंकाई क्रिकेट से जुड़ा हुआ नहीं हूं. श्रीलंकाई क्रिकेट की गिरावट से मुझे दुख होता है. ऐसी टीम जो विश्व कप फाइनल में तीन बार पहुंच चुकी हो और जिसकी क्रिकेट संस्कृति गौरव करनी वाली है, तो यह चिंता का संकेत है.’ श्रीलंका की टीम 1996 में वनडे विश्व कप जीत चुकी है. जबकि, 2007 और 2011 में उसे फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. 

मुरलीधरन ने कहा कि क्रिकेट का स्तर काफी गिर गया है. ऐसा मौजूदा खिलाड़ियों के अपने खेल में सुधार करने पर ध्यान लगाने के बजाय भौतिक लाभ हासिल करने के कारण हुआ है. उन्होंने कहा, ‘जब मैं खेलता था तो पैसे कमाना इतना अहम नहीं होता था. नब्बे के दशक में तब इतना धन भी नहीं था. हमारा जुनून विकेट लेना और रन जुटाना था. इस जुनून में अब बदलाव हो गया है. अगर खिलाड़ी धन के पीछे भागते हैं तो क्रिकेट का स्तर नीचे गिरेगा ही.’ 

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मुरलीधरन ने कहा, ‘खिलाड़ी के तौर पर, आपको धन राशि के बजाय अपने खेल के बारे में सोचना चाहिए. अगर आप अच्छा प्रदर्शन करोगे तो आपको पैसा और सम्मान दोनों मिलेगा.’ मुरलीधरन दुनिया के सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज हैं. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लिए हुए हैं. उनके बाद शेन वार्न और अनिल कुंबले का नंबर आता है. शेन वार्न 708 और अनिल कुंबले 619 विकेट ले चुके हैं. 

(इनपुट: भाषा) 

 

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