प्रशासन ने पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया है. श्रीलंका में गृहयुद्ध के अंत के बाद यह सबसे बड़ा खूनखराबा वाला दिन है.
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कोलंबो: श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के दिन एक के बाद एक हुए लगातार आठ बम विस्फोटों में कम से कम 215 लोगों की मौत हो गई है और 400 से अधिक घायल हो गए हैं. इनमें से अधिकांश विस्फोट राजधानी कोलंबो में हुए हैं. प्रशासन ने पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया है. श्रीलंका में गृहयुद्ध के अंत के बाद यह सबसे बड़ा खूनखराबा वाला दिन है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, श्रंखलाबद्ध बम विस्फोटों में मृतकों की संख्या बढ़कर 215 हो गई है. इनमें से दो बम विस्फोट अपराह्न् में कोलंबो के दो पड़ोसी इलाके में हुए हैं.
बम विस्फोट की शुरुआत कोलंबो स्थित कोच्चिकाडे के सेंट एंथनी चर्च से शुरू हुई, जहां सैकड़ों लोग ईस्टर की प्रार्थना सभा के लिए जमा हुए थे और आधा घंटे के भीतर ही यहां से 30 किलोमीटर दूर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्तियन चर्च में विस्फोट हुआ और फिर कोलंबो से 250 किलोमीटर दूर पूर्व में बट्टिकालोआ में स्थित जियॉन चर्च में विस्फोट हुआ.
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Bomb blasts in colombo Church #Ester #Srilanka pic.twitter.com/79OSeKHdNa
— Honey Badger (@HoneyBadgerRulz) April 21, 2019
आत्मघाती हमलावरों ने ईस्टर की भीड़ के बीच खुद को उड़ा लिया
आत्मघाती हमलावरों ने कोलंबो के तीन लक्जरी होटलों में ईस्टर की भीड़ के बीच खुद को उड़ा लिया. ये होटल सिनामन ग्रैंड (श्रीलंका के प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास के पास) शंगरी ला और किंग्सबरी होटल हैं.
#WATCH: PM Narendra Modi in Chittorgarh,Rajasthan, says, "India stands with the citizens of Sri Lanka, in such a crisis India will do whatever it can to help Sri Lanka." #SriLankaBlasts pic.twitter.com/T2eHlxFpGK
— ANI (@ANI) April 21, 2019
अधिकारियों ने कहा कि मृतकों में 35 विदेशी नागरिक शामिल हैं, लेकिन फिलहाल उनकी नागरिकता का पता नहीं चल पाया है. मीडिया रपटों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में एक चर्च के अंदर का भयावह नजारा दिखा, जिसकी छत विस्फोट में उड़ गई और फर्श पर छत की टाइल्स, लकड़ी के टुकड़े बिखरे पड़े हैं और सब खून से सना हुआ है. अल जजीरा की एक रपट में कहा गया, "कई लोगों को खून से लथपथ देखा जा सकता है, कुछ लोग उन लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, जो गंभीर रूप से घायल हैं."
किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है
किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन एएफपी ने बताया कि श्रीलंका के पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदरा ने 10 दिन पहले राष्ट्रव्यापी अलर्ट जारी किया था कि आत्मघाती हमलावरों ने प्रमुख कैथोलिक चर्चो को निशाना बनाने की साजिश रची है. अलर्ट में कहा गया था, "एक विदेशी खुफिया एजेंसी ने जानकारी दी है कि एनटीजे (नेशनल तौहीत जमात) आत्मघाती हमलों के जरिए प्रमुख चचरें के साथ ही कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाने की साजिश रच रहा है."
आपातकालीन कर्मचारी पूरे बल के साथ हर जगह हैं
आर्थिक सुधार मंत्री हर्षा डी सिल्वा ने कुछ घटनास्थलों का दौरा किया और घटना की भयावहता के बारे में बताया. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, मंत्री ने कहा, "भयावह ²श्य. मैंने चारों ओर बिखरे पड़े शरीर के क्षत-विक्षत हिस्सों को देखा. आपातकालीन कर्मचारी पूरे बल के साथ हर जगह हैं.
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा, "मैं इस घटना से स्तब्ध और दुखी हूं
हमने कइयों को अस्पताल पहुंचाया. आशा करता हूं कि कई लोगों की जान बच गई होगी." समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने स्थानीय न्यूज चैनलों पर प्रसारित एक विशेष संदेश में लोगों से शांति बनाए रखने और विस्फोट की तेजी से जांच के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया. सिरिसेना ने कहा, "मैं इस घटना से स्तब्ध और दुखी हूं. इन जघन्य कृत्यों के पीछे षड्यंत्रों का पता लगाने के लिए इसकी जांच शुरू कर दी गई है. शांत रहें और अफवाहों पर ध्यान नहीं दें."