COP 28: दुबई में दोस्ती का 'कॉकटेल', पीएम मोदी को देखते ही गले लगे UAE के राष्ट्रपति; पाक को लग जाएगी मिर्ची
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COP 28: दुबई में दोस्ती का 'कॉकटेल', पीएम मोदी को देखते ही गले लगे UAE के राष्ट्रपति; पाक को लग जाएगी मिर्ची

India UAE Relations: दुबई में हो रहे जलवायु सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी दुबई पहुंचे हुए हैं. वहां पर यूएई के शासन प्रमुख ने गले लगकर उनका सम्मान किया. यह तस्वीर पाकिस्तान को परेशान करने वाली मानी जा रही है. 

COP 28: दुबई में दोस्ती का 'कॉकटेल',  पीएम मोदी को देखते ही गले लगे UAE के राष्ट्रपति; पाक को लग जाएगी मिर्ची

PM Narendra Modi Dubai Visit 2023 in COP 28: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु सम्मेलन (COP-28) में भाग लेने के लिए दुबई में पहुंचे हुए हैं. वहां पर उन्होंने सम्मेलन से पहले तमाम बड़े देशों के शासन प्रमुखों से मुलाकात की, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. लेकिन शुक्रवार को सम्मेलन से पीएम मोदी की एक तस्वीर ऐसी भी सामने आई, जिससे निश्चित रूप से पाकिस्तान को मिर्ची लग जाएगी. हो भी क्यों नहीं, आखिर भारत ने पाकिस्तान की दुखती रग पर हाथ जो रख दिया है. 

गले मिले दोनों शासन प्रमुख

पीएम मोदी ने जलवायु सम्मेलन (COP-28) ने दुबई पहुंचने पर सम्मेलन के आयोजक और संयुक्त अरब अमीरात के शासन प्रमुख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता (India UAE Relations) एक दूसरे के गले मिले और हाल-चाल पूछा. उनका इस तरह आत्मीय रूप से गले मिलना कोई पहली बार नहीं है. दोनों नेताओं की इस जबरदस्त बॉन्डिंग के साथ ही दोनों देशों के आर्थिक और सामरिक संबंध भी पहले से ज्यादा मजबूत होते जा रहे हैं. 

दोनों देशों के बीच बढ़ रहा कारोबार

दोनों देशों (India UAE Relations) के बढ़ते आर्थिक संबंधों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1970 के दशक में केवल 18 करोड़ डॉलर प्रति वर्ष का कारोबार होता था. अब वही कारोबार लगातार बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 में 60 अरब डॉलर यानी 4.55 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके साथ ही यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है. दोनों देश अपने संबंधों में गहराई और विविधीकरण करने में लगे हैं. 

भारत में 8वां सबसे बड़ा निवेशक

भारत ने वर्ष 2019-20 में यूएई को 29 अरब डॉलर के सामानों का निर्यात किया था. यह उस वर्ष में दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी है, जबकि इसी अवधि में भारत ने यूएई से 30 अरब डॉलर का आयात किया, उसमें 21.83 एमएमटी (यूएस 10.9 अरब डॉलर) कच्‍चा तेल शामिल रहा. संयुक्त अरब अमीरात 18 अरब डॉलर के अनुमानित निवेश के साथ भारत में आठवां सबसे बड़ा निवेशक भी है. 

सामरिक संबंधों में भी मजबूती

आर्थिक संबंधों के अलावा भारत-यूएई (India UAE Relations) के रिश्ते सामरिक क्षेत्र में भी मजबूत हो रहे हैं. इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए दोनों देश नजदीक आ रहे हैं. इस मुहिम को मजबूत करने के लिए भारत, इजरायल, यूएए और अमेरिका ने मिलकर I2U2 ग्रुप का गठन किया है, जिसे वेस्ट एशिया का क्वाड कहा जा रहा है. यह समूह पश्चिम एशिया में एकजुट होकर चीन की दबंगई को रोकना चाहता है. इसके साथ ही भारत, फ्रांस और यूएई की तिकड़ी भी इलाके में काम कर रही है, जिसका मकसद इलाके में आर्थिक-सामरिक संबंधों को नई ऊंचाई देना है.

पाकिस्तान की बढ़ रही धड़कन

भारत जितना ज्यादा यूएई के नजदीक जा रहा है, उतना ही पाकिस्तान की धड़कन बढ़ती जा रही है. इसकी वजह ये है कि 57 मुस्लिम देशों में सऊदी अरब और यूएई ही सबसे पैसे वाले और प्रभावशाली मुल्क हैं और इन दोनों देशों के प्रमुखों के साथ पीएम मोदी ने पर्सनल कैमिस्ट्री बहुत मजबूत कर रखी है. पाकिस्तान (India Pakistan Relations) के नेताओं का मानना है कि मुस्लिम मुल्क होने के नाते यूएई के संबंध पाकिस्तान से ज्यादा मजबूत होने चाहिए न कि भारत से. हालांकि यूएई ने उसकी इस दकियानूसी सोच को भाव देना कब का बंद कर दिया है. यही वजह है कि जम्मू कश्मीर से जब भारत ने अनुच्छेद 370 हटाया तो पाकिस्तान की खूब हायतौबा के बावजूद यूएई ने उसका कोई साथ नहीं दिया, जिसके चलते उसका अभियान टांय-टांय फिस्स हो गया. 

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