जीत हो या हार हो, हर युद्ध कुछ सिखाता है. आज पीएम मोदी के नेतृत्व में देश का मनोबल अपने सर्वोच्च ऐतिहासिक स्तर पर है जबकि भारत एक साथ चार-चार मोर्चों पर संघर्षरत है. ऐसे में देश की सेना को नये भारत की नई सेना के नये रूप में आना होगा ताकि देश की सीमा के भीतर पांव रखने से पहले दुश्मन देश के बौने सैनिकों के पांव कांप जायें..
चीन बॉर्डर पर खड़ा है और नहीं मानूंगा कह कर युद्ध पर अड़ा है. अब वक्त आ गया है कि मोदी के भारत की सेना को बड़े स्तर पर बदलाव किया जाये जिसकी बड़ी ज़रूरत है. चीन को पीट तो आज भी हम देंगे लेकिन हमारी तैयारियां अब से ऐसी होनी चाहिए कि आगे से कोई सीमा पर खड़े हो कर हमें इस तरह आंखें न दिखाए..
ये कोई नई चाल तो नहीं है चालबाज़ चीन के दोस्त पाकिस्तान की जो भारत का पुराना दुश्मन रहा है. हमने रंगे सियार की कहानी भी सुन रखी है और बगुला भगत की भी. अब ये कौन सी नई कहानी है.इस्लाम के नाम पर बसे शहर में श्रीकृष्ण का मंदिर तैयार हो रहा है.
रिलायंस इंफ्रा के अच्छे दिन आएंगे. अगर सब कुछ सही रहा तो अनिल अम्बानी के इस नए संकल्प का मार्ग अवश्य प्रशस्त होगा. अनिल अपने बड़े भाई मुकेश अम्बानी की तरह दुनिया को कुछ कर दिखाना चाहते हैं..
पैसा प्रेम का शत्रु है. चाहे एक गरीब आदमी हो या अरबों की सम्पत्ति का मालिक - पैसों के लिए लोग अपने परिजनों से भिड़ जाते हैं और अक्सर इस परिदृश्य में अपराध का प्रवेश भी हो जाता है. फिलहाल कहानी ये है कि अरबों की सम्पत्ति के मालिक हिंदुजा भाई आपस में ही एक दूसरे के दुश्मन बन गए हैं और इसकी वजह है उनकी सम्पत्ति..
महिम आज गाजियाबाद में सड़क का मसीहा नामक नए नाम से जाने जाते हैं. उनके द्वारा चलाई गई एक मुहिम ने न केवल गरीब मजदूरों की ज़िंदगी आसान की बल्कि दुनिया के आमलोगों के लिए भी एक प्रेरणा प्रस्तुत की है..
कोरोना संक्रमण के नियंत्रण से असफल पाकिस्तानी सरकार से खफा कोरोना वायरस ने अपना गुस्सा अब पाकिस्तानी टीम पर निकाला है. पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के सात खिलाड़ी कोरोना संक्रमित हो गए हैं..
भारत के पुराने और सदाबहार मित्र रूस ने कहा कि यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में स्थायी सदस्यता के लिए भारत एक मजबूत दावेदार है और रूस स्थायी सदस्यता के लिये अपना समर्थन भारत को दे रहा है..
एक तरफ रूस में भारत, रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल मुलाकात हुई है वहीं दूसरी तरफ रूस से भारत को यथाशीघ्र अत्यंत महत्वपूर्ण सैन्य आपूर्ति की संभावना भी बनी है जिसमें शामिल हैं सुखोई-30 लड़ाकू विमान, टी-90 टैंक और युद्धपोत. भारत को अब यह सैन्य आपूर्ति शीघ्रता का ध्यान रखते हुए वायुमार्ग से की जा सकती है..
अब भारत आत्मनिर्भरता से भी आगे बढ़ रहा है. दुनिया में भारत के उत्पादों के निर्यात की शुरुआत हो रही है. अब भारत की पीपीई किट्स कोरोना से लड़ने में दूसरे देशों की मदद करने जा रही है..
देश के कई राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है. मानसूनी बारिश भी अनेक राज्यों में हो रही है. राजधानी दिल्ली में भी देर रात से झमाझम बारिश होने की वजह से मौसम सुहावना हो गया है.
भारत का हिस्सा है अक्साई चिन जिसे अपना बता रहा है चीन. सबसे बुरी बात तो ये है कि इसका नाम हम ही अक्साई चीन मान कर चल रहे हैं. ये है अक्साई कश्मीर या फिर अक्साई इंडिया लेकिन ये अक्साई चीन का तो बिलकुल नहीं है..
वो दिन एक ऐसा ऐतिहासिक दिन था जब भारत के ही नहीं दुनिया के क्रिकेट प्रेमी भावुक हो रहे थे क्योंकि इस दिन क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर क्रिकेट से सन्यास ले रहे थे. उस दिन एक लम्हा ऐसा भी था जब एक तरफ चल रही थी सचिन की आखिरी स्पीच और दूसरी तरफ रो रहे थे क्रिस गेल..
देश का चीनी सामान के बहिष्कार का आंदोलन को भारत सरकार ने भी अपना आंदोलन बनाने का मन बना लिया है. अब भारत सरकार पूरी योजना के तहत चीन को आर्थिक चोट मारेगी. चीन को अब बहुत दर्द होने वाला है..
भारत पूरी तरह देश की सीमा की सुरक्षा के प्रति सन्नद्ध है. चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के समय भारत ने अपनी सुरक्षा की तैयारियों को मजबूत किया है और सेना को मिली है 5 अरब रुपयों के हथियार खरीदने की अनुमति
पूरे देश में इस समय चीन के खिलाफ आक्रोश है. लोग चीन की कायराना और धोखेबाज करतूतों के लिये उसे सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं. देश के सुर सुर में सुर मिलाते हुए क्रिकेटर हरभजन सिंह ने बड़ी बात कही है.
संगीत के स्वर आंतरिक तनाव बिंदुओं पर जोर डालते हैं. महज सुनने भर से ही शरीर की तंत्रिकाओं का योग हो जाता है, स्वर लहरियों के तीव्र स्वर, हल्के नाद वाले स्वर, उच्च नाद वाले स्वर कान के रास्ते प्रवेश कर मस्तिष्क की तंत्रिकाओं में अलग-अलग आवृत्ति की गति करते हैं.
भारत अब चीन की धोखेबाज़ी के खिलाफ आक्रामक हो चुका है. चीन के दांत खट्टे करने का प्लान ए तो तैयार है ही लेकिन इसके साथ ही प्लान बी भी भारत ने तैयार कर रखा है ताकि दूसरे अलग अलग मोर्चों पर भी पटखनी दी जा सके दुश्मन चीन को और उसके इरादों को भी..
चीन बुरी तरह फंस गया है. गलत जगह गलत देश से भिड़ने की कीमत उसे चुकानी पड़ सकती है. आज हाल ये है कि चीन आगे बढ़ नहीं सकता और पीछे हट भी नहीं सकता..पीछे हटने में उसकी हार है और आगे बढ़ने पर भारत की मार है..
ये तो होना ही था. भारत एक इसी क्षेत्र में पीछे कैसे रह जाता. परन्तु प्रसन्नता की बात ये है कि दुनिया के दस धनकुबेरों में शामिल होने वाले भारतीय उद्योगपति मुकेश अम्बानी हैं जिन्होंने सारे देश को जिओ के एक सूत्र में जोड़ दिया है और राष्ट्र की मदद के लिए जो सदा ही तत्पर हैं..