Vitamin D: ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने विटामिन-डी की कमी (vitamin d deficiency) को लेकर बड़ा दावा किया है. शोध के अनुसार, दुनियाभर में विटामिन-डी की कमी से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है.
Trending Photos
Vitamin d deficiency symptoms: आप यह बात तो जानते ही होंगे कि सनशाइन विटामिन (sunshine vitamin) यानी विटामिन डी शरीर के लिए बेहद जरूरी है. अब ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने विटामिन-डी की कमी (vitamin d deficiency) को लेकर बड़ा दावा किया है. शोध के अनुसार, दुनियाभर में विटामिन-डी की कमी से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. वहीं, ये कमी समय से पहले मौत का कारण भी बन रही है.
साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का मानना है कि विटामिन-डी की कमी के कारण दुनियाभर में मृत्यु दर का जोखिम लगातार बढ़ रहा है. 'एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन' में प्रकाशित शोध के अनुसार, तीन में से एक ऑस्ट्रेलियाई वयस्क विटामिन-डी की कमी से पीड़ित है. वहीं 70 से 90 प्रतिशत भारतीय भी इसकी कमी से पीड़ित हैं. इसकी वजह धूप और पौष्टिक खाने की कमी है. चिंता की बात यह है कि ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती. वे इस बात को मानने को तैयार नहीं होते कि धूप न सेंकने की वजह से भी वे बीमार पड़ सकते हैं या इससे उनकी जान तक जा सकती है.
मौतों को लेकर अध्ययन किया
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक डॉ. एलिना हाइपोनेन ने कहा कि शोध के जरिए हमें ये पता करना था कि क्या ज्यादा विटामिन-डी की स्थिति समय से पहले मृत्यु दर के जोखिम को कम कर सकती है. इसके लिए यूके बायो बैंक के तीन लाख से अधिक वयस्कों पर शोध किया गया. अध्ययन में सामने आया कि विटामिन-डी के लेवल में वृद्धि होने पर मृत्यु का खतरा कम हो जाता है. शोधकर्ताओं ने विटामिन डी के लेवल और उसकी वजह से होने वाली मौतों पर भी शोध किया. इससे पता चला कि विटामिन-डी की कमी होने से मृत्यु दर में 25 फीसदी की वृद्धि हुई है.
विटामिन डी की कमी के लक्षण
- थकान महसूस करना
- हड्डियों में दर्द
- कमजोरी महसूस करना
- बाल झड़ना
- शरीर के अलग-अलग हिस्सों की मसल्स में लगातार दर्द
- चोट लगने पर घाव भरने में काफी समय लगना
किन फूड से प्राप्त करें विटामिन डी
- सैल्मन
- अंडे
- डेयरी प्रोडक्ट
- बादाम
- मछली
- संतरे का रस
- दलिया, ओट्स
- मशरूम
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.