झारखंड के नेशनल गेम्स घोटाले की CBI फिर से करेगी जांच, कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट की खारिज
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झारखंड के नेशनल गेम्स घोटाले की CBI फिर से करेगी जांच, कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट की खारिज

Jharkhand News: झारखंड में साल 2011 में आयोजित 34 वें नेशनल गेम्स में लाखों का घोटाले हुआ था. जिसे लेकर झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने अप्रैल 2022 में जांच शुरू की थी. सीबीआई की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को स्पेशल कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को फिर से जांच करने का आदेश दिया है.

 

झारखंड के नेशनल गेम्स घोटाले की CBI फिर से करेगी जांच, कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट की खारिज

Jharkhand 34th National Games scam 2011: रांची: झारखंड में वर्ष 2011 में आयोजित हुए 34वें नेशनल गेम्स घोटाले में सीबीआई की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को स्पेशल कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले की फिर से जांच करने का आदेश दिया है. यह घोटाला 28 करोड़ 38 लाख रुपए का बताया जाता है.

झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने अप्रैल 2022 में इस घोटाले की जांच शुरू की थी. उसने जांच पूरी करने के बाद 7 फरवरी 2024 को ठोस साक्ष्य का अभाव दिखाते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. सीबीआई ने कहा था कि घोटाले का कोई पुख्ता आधार नहीं है. इसलिए इस केस को बंद किया जाए.

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सोशल एक्टिविस्ट पंकज यादव और सूर्य सिंह बेसरा ने इस क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ प्रोटेस्ट याचिका फाइल की. इस पर सुनवाई के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज पीके शर्मा ने फिर से जांच का आदेश दिया है.

34 वें नेशनल गेम्स का आयोजन झारखंड के रांची, जमशेदपुर और धनबाद में 12 फरवरी 2011 से 26 फरवरी 2011 तक कराया गया था. इसके लिए रांची में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया. कॉम्प्लेक्स के निर्माण से लेकर खेल सामग्री तक की खरीदारी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे. आयोजन शुरू होने के पहले ही घोटाले को लेकर वर्ष 2010 में झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज की.

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जांच के दौरान पूर्व खेल निदेशक पीसी मिश्रा, आयोजन समिति सचिव एसएम हाशमी और कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. लेकिन, 12 साल बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई. बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की. इसमें अज्ञात पब्लिक सर्वेंट्स एवं अज्ञात प्राइवेट व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू हुई, लेकिन साक्ष्यों का अभाव बताते हुए उसने क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी.

इनपुट - आईएएनएस

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