दिल्ली में हुए दंगों के पीछे क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की मिलीभगत है?
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दिल्ली में हुए दंगों के पीछे क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की मिलीभगत है?

दरअसल पुलिस ने जामिया में हुई हिंसा के बाद जो दो FIR दर्ज की है उसमें दोनों पार्टियों के लोगों के नाम है.

दिल्ली में हुए दंगों के पीछे क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की मिलीभगत है?

नई दिल्‍ली: ये हम नहीं कह रहे, दरअसल पुलिस ने जामिया में हुई हिंसा (Jamia Violence) के बाद जो दो FIR दर्ज की है उसमें दोनों पार्टियों के लोगों के नाम है. दिल्ली पुलिस ने जामिया हिंसा मामले में जामिया पुलिस स्टेशन और न्यू फ्रेंड्रस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में नामजद मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ खान और आम आदमी पार्टी की जामिया युनिवर्सिटी छात्र विंग के नेता कासिम उस्मानी समेत 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस दंगे में 31 पुलिसकर्मी घायल हुये थे. पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस वजह से ये सवाल उठ रहा है कि इस हिंसा के पीछे दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता शामिल है. पुलिस ने जो नामजद मामला दर्ज किया है उसमें लेफ्ट की छात्र विंग आईसा के नेता चंदन कुमार का भी नाम है.

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अब बात करते है मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर-जाफराबाद में हुए दंगों की. CAA के खिलाफ पर्दशन कर रहे लोगों ने सीलमपुर-जाफराबाद में बसों में तोड़फोड़ की, पुलिस और आम लोगों पर पथराव किया. इस दंगे में 21 लोग घायल हुये थे जिसमें 15 पुलिसकर्मी थे. पुलिस ने इस हमले के बाद दो मामले दर्ज कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सीलमपुर-जाफराबाद हिंसा की जो जांच की है उसमें भी शुरुआती जांच में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के नाम सामने आए हैं.

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पुलिस ने बताया कि सीलमपुर में जो रैली निकली थी वो कांग्रेस के पूर्व विधायक मतीन अहमद और आम आदमी पार्टी के विधायक हाज़ी इशराक के नेतृत्व में निकल रही थी. साथ ही इस प्रदर्शन में स्‍थानीय काउंसलर अब्‍दुल रहमान भी शामिल थे. सभी लोगों ने CAA के विरोध में भाषण दिया, इस प्रदर्शन के कारण वहां पहले जाम हो गया था, पुलिस ने इनको हटने के लिये कहा और उसके कुछ ही देर में वहां पथराव चालू हो गया.

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सीलमपुर हिंसा में LIU अधिकारियों की जांच के मुताबिक कल जो प्रदर्शन शुरू हुआ वो पूर्व कांग्रेस विधायक मतीन अहमद के नेतृत्व में चौहान बांगल गली नंबर 14 से निकल रही थी जो 1 बजकर 20 मिनट पर शुरू हुई. जबकि भीड़ की शुरुआत मरकजी चौक जाफराबाद से शुरू हुई,. जब भीड़ 200 के आसपास थी तो पुलिस की लोकल इंटेलीजेंस यानी LIU दोनों जगहों पर इन पर नजर रखे हुए थी.

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इसके बाद मरकजी की भीड़ मौजपुर से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पहुंच गई. उसके बाद भीड़ लगातार बढ़ती गई. जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाद भीड़ सीलमपुर टी-प्‍वाइंट तक पहुंच गई. वहां बैरीकेड लगाकर पुलिस ने इन्हें रोक लिया, उस वक्त मतीन की रैली ब्रह्मपुरी से शुरू हो चुकी थी और वो रैली सीलमपुर मार्केट तक पहुंच गई पर वो रैली मार्केट से फल बाजार चली गई.

तभी आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक हाजी इशराक सीलमपुर टी-प्‍वाइंट पहुंच गए. उसके बाद कुछ ही देर में स्थानीय काउंसलर अब्दुल रहमान भी सीलमपुर टी-प्‍वाइंट पर विधायक के पास पहुंच गए. वहां दोनों ने भीड़ से बात की और भाषण देना शुरू कर दिया. तभी पुलिस ने उन्हें वहा से हटाना शुरू कर दिया क्योंकि जाम लग रहा था. तभी विधायक के जाने के महज 10 मिनट बाद भगदड़ मच गई पथराव शुरू हो गया और पथराव के महज कुछ मिनट पहले स्थानीय काउंसलर भी मौके से निकल गए.

पकड़े गए 6 लोग की भूमिका की जांच जारी है. सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए लोग लोकल नेताओं के बहकाबे में आए. पुलिस का कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता इलाके में शांति बहाल करने की है. जांच के बाद एफआईआर में और नाम जुड़ सकते हैं.

यानी दिल्ली में दो जगहों पर हुई हिंसा में शुरुआती जांच में पुलिस को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लोगों के शामिल होने के सबूत मिले हैं. अब ये जांच के बाद ही पता चलेगा कि क्या वाकई में इन दंगों के पीछे दोनों पार्टियों के लोग शामिल हैं?

(इनपुट: राजू राज के साथ)

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