रेगिस्तान में गरजे टैंक, भारतीय सेना ने किया शक्ति प्रदर्शन
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रेगिस्तान में गरजे टैंक, भारतीय सेना ने किया शक्ति प्रदर्शन

 एशिया का सबसे बड़ा फील्ड फायरिंग रेंज इन दिनों तोप ओर टैंक की गर्जन से थर्रा रहा है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bikaner: एशिया का सबसे बड़ा फील्ड फायरिंग रेंज इन दिनों तोप ओर टैंक की गर्जन से थर्रा रहा है. भारतीय सेना पिछले कई दिनों से अपने युद्ध कौशल का परिचय देते हुए दुश्मन के ठिकानों को नस्तेनाबूत करती हुई दिखाई दे रही है. जहां देश की सेना के महत्वपूर्ण अंग माने जाने वाले युद्ध टैंकों का इस्तेमाल करते हुए सेना के जवान अपना दमखम दिखा रहे हैं.

इन दिनों भारत-पाकिस्तान से महज 60 किलोमीटर दूर महाजन के फील्ड फायरिंग रेंज तोपो ओर टैंक की शक्ति का गवाह बना, जहां भारतीय सेना की सप्त शक्ति कमान की अर्टिलरी और आर्म ब्रिगेड के रण कौशल को देख पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन के होश उड़ जाएगे तो वहीं देश के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा. जहां इस युद्ध अभ्यास में आधुनिक हथियारों को शामिल किया गया, जिनकी तैनाती एलओसी और एलएसी पर दुश्मन का मुकाबला करने के लिए तैनात हैं. महाजन के फायरिंग रेंज में इनका पराक्रम देख आप भी सेना के शौर्य को सलाम करेंगे.

बीकानेर के महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज में यूं तो पहले भी कई बार सेना की तोपे, टैंक ओर बंदूके गरज चुकी है लेकिन पिछले लम्बे समय से यहां चल रहा युद्धभ्यास कई मायनों में खास हैं. यहां ना केवल सेना के जवान अपनी युद्ध कला को निखार रहे हैं बल्कि आतंकवादी ठिकानो जैसे क्षेत्र वाले माहौल में कई बख्तरबंद वाहनों, तोपों और सैनिकों को उच्च स्तरीय ऑपरेशन करते देखा गया.

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जोश, साहस से लबरेज ये जवान आधुनिक हथियारों से यहां युद्धभ्यास कर सामूहिक ताकत को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. दिन के साथ खराब रोशनी में भी मौसम के हर मशकलात में यह अभ्यास कर दुश्मन को अपनी ताकत से वाकिफ कराया गया ताकि यह संदेश दिया जा सके कि यदि दुश्मन ने हिन्दुस्तान की सीमा की ओर आंख उठाकर भी देखने की कोशिश की तो किस तरह हमारे जाबांज उसकी आंख ही निकाल लेने की ताकत रखते हैं.

इस ट्रेनिंग सेशन में सेना की उन क्षमताओ को परखा गया, जिसमें सेना की मदद से 'पहले हमला करने और फिर निरंतरता बनाए रखने' की अत्यंत आक्रामक कौशल शामिल है. इसमें सेना के जवानों का खास बेड़ा भी शामिल थे ताकि जरूरत पड़ने पर सेना के तीनों अंगों के सैनिक साथ मिलकर अपने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सके. ऑपेरेशन को अंजाम देने के लिए एक युद्ध का मैदान बनाया गया और उस मैदान में दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करते हुए अपनी युद्ध नीति का परिचय भारतीय सेना और उसके जांबाज कमांडो की टुकड़ियां देती हुई नजर आई.

युद्धभ्यास का मकसद सक्रिय युद्ध रणनीति के तहत पूरी ताकत से पाकिस्तान से लगती सीमा पर परंपरागत हमला करने के कौशल को निखारना है. ताकि युद्ध की स्थिति में दुश्मनों के छक्के छुड़ाए जा सके, खास तौर पर उन्हें इसमें शामिल किया गया जो की आगे रहकर युद्ध को किसी अंजाम तक पहुंचाने का रास्ता बनाते हैं. वहीं भारतीय थल सेना द्वारा समय-समय पर विभिन्न स्तरों पर इस तरह के युद्धाभ्यास कौशल को परखने को लेकर ट्रेनिंग सेशन किया जाता रहता है. ऐसे आयोजनों से यह सुनिश्चित किया जाता है कि लड़ाई में ऐसी स्थिति प्रदान की जाए ताकि सेना लड़ाई के लिए सदैव तैयार रहें.

महाजन के फील्ड फायरिंग रेंज में टी 72, टी 90, बीएमपी 2 सहित तमाम टैंक पर गोलबारी किया जा रहा है. आसमान और जमीन दोनों तरफ से दुश्मन के ठिकानों को धेरते हुए हमले किए जा रहे हैं, वायु सेना का चौपर आसमान से बमबारी कर रहा है, रेगिस्तान में उठा मिट्टी का गुबार ये साफ दिखा रहा है की आसमान से कितनी तादात में बमबारी की गई है. ये गर्जन देश की शक्ति की देश, देश के टैंकों का इस्तेमाल करते हुए दुश्मन पर विजय प्राप्त करने की दक्षता दिखाते नजर आ रहे हैं.

वहीं युद्धक टैंक भी एक-एक कर दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं. सप्त शक्ति कमान द्वारा अंजाम दिए जा रहे इस युद्ध अभ्यास की सबसे बड़ी खास बात यह रही, जब जनरल ऑफिसर चीफ कमांडर अमरदीप सिंह भिंडर इस खुद इस अभ्यास में शामिल हुए और अभ्यास के गवाह बने.

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वहीं अभ्यास को लेकर लेफ्टिनेंट कर्नल और प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया की सप्त शक्ति कमान का ये एनुअल ट्रेनिंग कैंप है जिसमें आर्म्ड, अर्टिलरी रेजिमेंट ओर मैकीनरि इंफेंट्री ने इसके हिस्सा किया. जिसमें सेना की 130 mm और k9 वज्र ने अपना दम दिखाया तो वहीं आज टैंक ओर बीएमपी ने हिस्सा किया. इस अभ्यास का मकसद हमारे नए जवानों को इंडिविजुअल रूप से तकनीक सिखाई जा सके, जिससे उनकी skills बढ़े और किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रह सकें. इसके साथ ही शर्मा ने बताया कि कोई भी लड़ाई अकेले नहीं लड़ी जाती है, इसमें सभी सेनाओं का सामंजस्य जरूरी होता है. कुछ ऐसा ही आज के इस अभ्यास और ट्रेनिंग में देखने को मिला, जहां थल और वायु सेना ने ज्वाइंट रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया.

भारतीय सेना द्वारा महाजन के फील्ड फायरिंग में चलाए गए ज्वाइंट ऑपरेशन ने ये साफ कर दिया कि दुश्मन सावधान रहें जहां Indian army हर परिस्थिति में देश की रक्षा में तैनात है. ऐसा ही संदेश सेना के जवानो ने जंग के मैदान से दिया है, रेत के समंदर में तपती रेत पर चले इस अभियान ने ना केवल सेना के जवानो की युद्ध कौशल को निखारा है बल्कि शक्ति का प्रदर्शन भी किया है.

Report- Rounak vyas

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