दो राजपूत नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई: जानिए कमरे में विवाद के दिन क्या-क्या हुआ? किसने पहले चलाई गोली और सुखदेव सिंह गोगामेडी का क्यों हुआ जिक्र
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दो राजपूत नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई: जानिए कमरे में विवाद के दिन क्या-क्या हुआ? किसने पहले चलाई गोली और सुखदेव सिंह गोगामेडी का क्यों हुआ जिक्र

Rajasthan Crime: दो राजपूत नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई. जानिए कमरे में विवाद के दिन क्या-क्या हुआ? किसने पहले चलाई गोली और कितने उस दिन मौजूद थे और सुखदेव सिंह गोगामेडी का क्यों जिक्र हुआ?

दो राजपूत नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई: जानिए कमरे में विवाद के दिन क्या-क्या हुआ? किसने पहले चलाई गोली और सुखदेव सिंह गोगामेडी का क्यों हुआ जिक्र

Rajasthan Crime: जयपुर में शुक्रवार रात दो राजपूत नेताओं के बीच हुए विवाद और फायरिंग के बाद मामले ने काफी तूल पकड़ा. आपस में वर्चस्व की लड़ाई के चलते उपजे विवाद ने इतना बड़ा रूप ले लिया कि एक राजपूत नेता को सलाखों के पीछे जाना पड़ा तो वहीं दूसरे राजपूत नेता को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. इस पूरे घटनाक्रम के बाद कई राजपूत नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई जिन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. 

राष्ट्रीय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव सिंह शेखावत शुक्रवार रात चित्रकूट स्थित अपने कार्यालय में मुंबई प्रांत के सदस्यों के साथ मीटिंग कर रहे थे तभी उनसे मिलने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना अपने कुछ समर्थकों के साथ पहुंचे. इस दौरान कमरे में तकरीबन 20 लोग मौजूद थे और आमने-सामने बैठकर शिव सिंह व महिपाल सिंह मकराना बातचीत करने लगे. बातचीत के दौरान ही किसी विवाद के चलते दोनों के बीच में हॉट टॉक हुई और फिर लाइसेंसी रिवाल्वर द्वारा जमीन पर फायरिंग की गई.

शिव सिंह का कहना है कि उनके सुरक्षाकर्मी की लोड लाइसेंसी रिवाल्वर मेज पर रखी हुई थी जिसे महिपाल सिंह मकराना ने उठकर उन पर फायरिंग करने की कोशिश की लेकिन गोली जमीन पर लगी. इसके बाद उनके सुरक्षाकर्मी ने महिपाल सिंह मकराना को घेरकर काबू में किया और इस दौरान बीच बचाव में सुरक्षाकर्मी की बंदूक की बट से महिपाल के सिर पर चोट लग गई. इसके बाद कमरे में मौजूद लोगों ने महिपाल और उसके साथ आए लोगों की पड़कर पिटाई कर दी. शिव सिंह का कहना है कि उन्हें पूर्व में भी कई बार धमकी मिली है और पाकिस्तानी नंबर से भी कई धमकी भरे कॉल उनको आए हैं. इसके साथ ही शिव सिंह ने महिपाल सिंह मकराना के नशे में होने और किसी व्यक्ति के बहकावे में आकर जान लेने का प्रयास करने के आरोप भी लगाए.

वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद महिपाल सिंह मकराना के समर्थकों में काफी आक्रोश देखा गया. महिपाल सिंह मकराना के समर्थक जहां पहले एसएमएस ट्रॉमा सेंटर के बाहर एकत्रित हुए और फिर उसके बाद उन्होंने चित्रकूट थाने पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों से मुलाकात कर सख्त कार्रवाई की मांग की. वहीं इस पूरे घटनाक्रम में महिपाल सिंह मकराना के चोटिल होने के चलते उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां पर उनका इलाज जारी है. 

शशी राजपूत करणी सेवा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह का कहना है कि यह जो घटना हुई वह बेहद निंदनीय है. महिपाल सिंह मकराना पिछले 18 वर्षों से समाज के लिए काम कर रहे हैं और उनकी ख्याति व संस्थान की लोकप्रियता को देखकर कुछ लोग उन्हें कॉपी करके मिलते-जुलते नाम की नई संस्थाएं बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और यदि पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं करती है तो फिर पूरे प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा. 

वहीं सुखदेव सिंह गोगामेडी की पत्नी शीला शेखावत भी महिपाल सिंह मकराना के समर्थन में चित्रकूट थाने पहुंची. शीला ने कहा कि शिव सिंह ने खुद महिपाल सिंह मकराना को मिलने के लिए बुलाया और फिर खुद फायरिंग कर वीडियो बनाकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए यह पूरा बवाल किया. शीला ने कहा कि शिव सिंह ने 8 महीने पहले ही नई संस्थान बनाई है और लोकप्रिय होने व लाइमलाइट में आने के लिए ही उसने यह कृत्य किया है. शीला ने कहा कि यदि आज उनके पति सुखदेव सिंह गोगामेडी जिंदा होते तो यह नौबत ही नहीं आती. इसके साथ उन्होंने कहा कि शिव सिंह जैसे और भी कई लोग समाज में गलत तरीका अपना के लोकप्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं उन सभी पर हमारी नजर है. ऐसे लोगों को गलत तरीके अपना कर पनपने नहीं दिया जाएगा.

 दो राजपूत नेताओं के बीच में हुआ यह विवाद काफी तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है लेकिन समाज की कुछ प्रतिष्ठित लोग ऐसे भी हैं जो इस विवाद को यहीं पर खत्म करने और आपस में राजीनामा कर मामले को शांत करने की बात कर रहे हैं. दोनों ही पक्षों की ओर से FIR दर्ज कराई गई है. यदि कानूनी कार्रवाई होती है तो शिव सिंह और महिपाल सिंह मकराना दोनों की गिरफ्तारी संभव मानी जा रही है. वहीं यदि दोनों पक्ष समझौता करते हैं तो यह मामला आई गई बात होकर खत्म हो जाएगा. हालांकि देखना होगा कि इस पूरे मामले में ऊंट किस करवट बैठता है. 

जयपुर से विनय पंत की रिपोर्ट.

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