Rajasthan Election 2023: विरोध में अब वंशवाद का भी आरोप, 50 साल से एक ही परिवार को टिकट क्यों ?
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Rajasthan Election 2023: विरोध में अब वंशवाद का भी आरोप, 50 साल से एक ही परिवार को टिकट क्यों ?

Rajasthan Election 2023: बामनवास सीट से टिकट का विरोध लेकर बड़ी संख्या में बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जनप्रतिनिधियों ने वंशवाद का आरोप लगाया है.

Rajasthan Election 2023: विरोध में अब वंशवाद का भी आरोप, 50 साल से एक ही परिवार को टिकट क्यों ?

Rajasthan Election 2023: बीजेपी की पहली सूची जारी होने के बाद उठ रहे असंतोष के सुरों में पार्टी पर वंशवाद को बढ़ावा देने के आरोप भी लग रहे हैं. बामनवास सीट से टिकट का विरोध लेकर बड़ी संख्या में बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जनप्रतिनिधियों ने वंशवाद का आरोप लगाया है. कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर जिलाध्यक्ष को भी घेराव कर लिया. वहीं, पार्टी नेताओं को अपनी पीड़ा बताकर टिकट बदलने की मांग की है. 

प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता का महासंग्राम चल रहा है. बीजेपी ने 41 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी, लेकिन इसके साथ ही विरोध के सुर भी तेज हो गए. कहीं बाहरी प्रत्याशी तो कहीं दागी और कहीं बागी को टिकट देने के आरोप लगा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर सवाई माधोपुर की बामनवास विधानसभा क्षेत्र से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, नेता बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर पहुंचे. बीजेपी ने बामनवास से राजेंद्र मीणा को टिकट दिया है. बामनवास आए इन लोगों ने नारेबाजी कर राजेंद्र मीणा को टिकट देने का विरोध जताया. राजेंद्र मीणा वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव में लड़ा था और तीसरे नम्बर पर रहे थे. राजेंद्र मीणा को महज 25 हजार वोट मिले थे और करीब 18 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए थे. 

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वंशवाद का आरोप 
बीजेपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह या अन्य बड़े नेता लगातार कांग्रेस पर पर वंशवाद का आरोप लगा रहे हैं. इधर, बामनवास सीट पर भी पार्टी ने वंशवाद का पालन किया है. विरोध करने पहुंचे कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बीजेपी के स्थानीय नेता वंशवाद को बढ़ाया दे रहे हैं. बामनवास से जिस राजेंद्र को टिकट दिया है वो वर्ष 2018 में चुनाव लड़ चुके हैं और इससे पहले वर्ष 2013 में राजेंद्र के पिता कुंजीलाल मीणा बामनवास से विधायक रह चुके हैं.

इसके अलावा कुंजीलाल 1977 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. कभी जीते तो कभी हारे हैं. अब उनके पुत्र राजेंद्र को पिछले चुनाव में हारने के बाद फिर टिकट दे दिया गया है. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहाना है कि यह वंशवाद नहीं है तो क्या है ? विरोध दर्ज कराने आए लोगों का कहना था कि क्या टिकट पर एक ही परिवार ने ठेका ले रखा है. वंशवाद को खत्म करने की बात कहने वाले बीजेपी नेता खुद वंशवाद क्यों पनपा रहे हैं. तीसरे नम्बर पर रहे प्रत्याशी को टिकट देने की आखिर क्या मजबूरी है. 

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पार्टी के जिला अध्यक्ष को घेर लिया 
इस दौरा बीजेपी प्रदेश कार्यालय से बाहर निकले पार्टी के सवाई माधोपुर जिला अध्यक्ष सुशील दीक्षित को कार्यकर्ताओं ने घेर लिया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि सर्वे की बात कहने वाली पार्टी में तीसरे नम्बर पर रहे प्रत्याशी को ही टिकट दे दिया. एक बार फिर सर्वे करवाकर टिकट बदलने पर विचार करें. दीक्षित ने कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ताओं ने दीक्षित को ही खरी खोटी सुना दी. इसके बाद जैसे तैसे कर दीक्षित वहां से रवाना हुए. 

नेताओं तक पहुंचकर लगाई गुहार 
इधर आक्रोशित लोगों ने कहा कि वो टिकट बदलने की मांग को लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां सहित अन्य नेताओं से मिलकर अपनी पीड़ा रख चुके हैं. वहीं, दूसरी ओर आक्रोशित नेताओं का कहना है कि वो संगठन महामंत्री चंद्रशेखर से मिलकर नाम बदलने के लिए पुनर्विचार करने की मांग करेंगे. सर्वे का नाम नहीं है , 49 हजार वोटों से हारा है. 

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