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नई दिल्ली: एडवांस तकनीक के इस दौर में कई दशकों से धरती और ब्रह्मांड के बारे में रिसर्च जारी है. इसके बावजूद वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा बहुत कुछ है जिसका पता लगाना बाकी है. इस बीच वैज्ञानिकों को अपनी दुनिया के बारे में तो बहुत कुछ पता है, लेकिन अब उन्हें धीरे-धीरे एक ऐसी दुनिया पर भी यकीन हो गया है, जो हमारी दुनिया से बिल्कुल उलटी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एनल्स ऑफ फिजिक्स जर्नल में इस सिद्धांत की विस्तार से व्याख्या की गई है. इसके पीछे की थ्योरी उस सामान्य भौतिकी (Physics) कॉन्सेप्ट पर आधारित है जिसे सीपीटी (CPT) कहा जाता है. ये दुनिया हमारी धरती (Earth) के पास ही हो सकती है. रिसर्च के मुताबिक ये दुनिया भौतिकी के नियमों में हमारी दुनिया से बिल्कुल उलट होगी.
उदाहरण के तौर पर हम समय की गणना जिस तरह करते हैं, यहां वक्त उससे बिल्कुल उल्टा चलता होगा. इस रहस्यमयी समांतर दुनिया को लेकर वैज्ञानिक और भी रिसर्च कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी एंटी यूनिवर्स की थ्योरी पर यकीन है. वैज्ञानिक भी इस बात की संभावना से इनकार नहीं करते हैं कि हमारी दुनिया की ही तरह एक ऐसी भी दुनिया है, जहां वक्त यानी समय का पहिया उल्टा चलता है.
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वैज्ञानिकों का मानना है कि एंटी यूनिवर्स की थ्योरी फंडामेंटल सीमेट्रीज पर निर्भर है. इस थ्योरी पर काम करते हुए डार्क मैटर्स की व्याख्या की जा सकती है. रिसर्चर्स का ये भी कहना है कि इस दुनिया में न्यूट्रॉन दायीं तरफ से घूमते होंगे. इस दुनिया की बात को साबित करकने के लिए वैज्ञानिक मास न्यूट्रॉन्स की टेस्टिंग कर रहे हैं. वो अगर इस प्रोजेक्ट में कामयाब होते हैं तो इस दूसरी दुनिया की बात साबित हो जाएगी. इस थ्योरी की सबसे अहम बात ये है कि हमारी दुनिया की तरह इस समांतर दुनिया में गुरुत्वाकर्षण शक्ति नहीं पाई गई होगी, इसी वजह से वहां सब कुछ रिवर्स यानि उल्टे मोड में चल रहा है.