पंजाब के 4 मंत्रियों पर संगीन आपराधिक मामले, ADR रिपोर्ट में खुलासा

पंजाब इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक पंजाब के चार मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 22, 2022, 11:16 AM IST
  • पंजाब के इन 11 मंत्रियों पर आपराधिक मामले
  • 4 मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं
पंजाब के 4 मंत्रियों पर संगीन आपराधिक मामले, ADR रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली: पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के 11 मंत्रियों में से सात पर आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें से चार पर गंभीर आरोप हैं, जबकि उनमें से दो डॉक्टर और दो वकील हैं. एक चुनाव अधिकार समूह द्वारा किए गए विश्लेषण से यह जानकारी मिली.

11 मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण

पंजाब इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित सभी 11 मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण किया है.

एडीआर के मुताबिक, सात मंत्रियों (64 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे. उनमें से चार (36 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

9 मंत्री करोड़पति हैं, जिनमें से प्रत्येक की औसत संपत्ति 2.87 करोड़ रुपये है और उनमें से समान संख्या में देनदारियां हैं. उनमें से सबसे अमीर होशियारपुर के 12वीं पास ब्रैम शंकर हैं, जिनकी संपत्ति 8.56 करोड़ रुपये है, जबकि मैट्रिक पास भोआ (आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र) के 51 वर्षीय लाल चंद कटारुचक ने सबसे कम 6.19 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की है.

आप में शामिल होने से पहले कटारुचक भारतीय क्रांतिकारी मार्क्‍सवादी पार्टी के सदस्य थे. एक अन्य मैट्रिक पास 60 वर्षीय कुलदीप सिंह धालीवाल, जिन्हें ग्रामीण विकास और पंचायत, पशुपालन और एनआरआई मामलों के विभाग आवंटित किए गए हैं, की जड़ें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) जुड़ी थीं.

कांग्रेस के बागी पर 1.08 करोड़ रुपये की देनदारी

इस बीच, 56 वर्षीय कांग्रेस के बागी और चार बार के नगर पार्षद, जिन्हें राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग दिया गया है, उन पर सबसे अधिक 1.08 करोड़ रुपये की देनदारी है. एडीआर ने कहा कि पांच मंत्रियों (45 फीसदी) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा से नीचे घोषित की है, जबकि शेष स्नातक या उससे ऊपर हैं.

उनमें से दो पेशे से डॉक्टर हैं - डॉ बलजीत कौर, जिन्होंने 2010 में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस से एमएस (नेत्र विज्ञान) किया था, और डॉ विजय सिंगला, जिन्होंने 1992 में पटियाला में पंजाबी यूनिवर्सिटी से डेंटल सर्जरी में स्नातक किया था. सिंगला को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग सौंपा गया है, जबकि कौर महिला और बाल विकास मंत्री हैं.

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 1992 में सुनाम में शहीद उधम सिंह सरकारी कॉलेज से बी.कॉम (आई) किया था. पेशे से इंजीनियर गुरमीत सिंह मीत हेयर ने 2012 में पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के स्वामी विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से बी.टेक किया था.

दूसरी बार विधायक बने हायर को स्कूल शिक्षा, खेल और युवा सेवा और उच्च शिक्षा विभाग आवंटित किए गए हैं. हरपाल सिंह चीमा के मंत्री हरजोत सिंह बैंस के पास कानूनी योग्यता है.

इसे भी पढ़ें- Uttarakhand CM: पुष्कर सिंह धामी होंगे उत्तराखंड के अगले सीएम, दोबारा मिली कमान

दिर्बा से दो बार विधायक रहे 48 वर्षीय चीमा ने 1998 में पटियाला के पंजाबी विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया, जबकि बैंस ने बी.ए. चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी (ऑनर्स) और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से इंटरनेशनल ह्यूमन राइट लॉ की पढ़ाई की है.

इसे भी पढ़ें- Manipur: फुटबॉलर से पत्रकार और फिर राजनेता बने एन बीरेन सिंह ने दूसरी बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़