नई दिल्ली: WHO ने 19 दिसंबर को एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार पहली बार ध्रूमपान करने वालों की संख्या में कमी देखी गई है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 की तुलना में तंबाकू इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 6 करोड़ कमी देखी गई है. यह रिपोर्ट साल 2018 के डेटा पर बेस्ड है.
क्या कहता है डेटा
दुनिया में प्रति वर्ष तंबाकू के सेवन करने से करीब 80 लाख लोगों की मौत होती है वहीं इसके प्रत्यक्ष उपयोग से 70 लाख लोग अपनी जान गवा बैठते हैं. इतना ही नहीं करीब 12 लाख लोग सिर्फ पैसिव स्मोकिंग की वजह से मर जाते हैं यानी की यह लोग तो ध्रूमपान नहीं करते किंतु ध्रूमपान करने वालों के साथ स्मोकिंग के समय होने से वह सीधे हानिकारक हवा को सांस के रूप में लेते हैं जो मौत की वजह बन जाती है. 2000 में पूरे दुनियाभर में तंबाकू से मरने वालों की संख्या 1.397 अरब लोग थे वहीं 2018 में यह संख्या 1.337 दर्ज की गई है.
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रिपोर्ट के अनुसार तेजी से स्मोकिंग करने वालों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई. 2000 में जहां पुरूषों की संख्या 34.60 करोड़ थी वहीं 2018 में 24.4 करोड़ हो गई. यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है सरकार द्वारा लागू किए गए योजनाओं का जिसमें विभिन्न राज्यों को तंबाकू मुक्त करने का फैसला लिया गया. रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक इस संख्या में और भी कमी देखी जा सकती है और यह संख्या महज 2.7 करोड़ तक पहूंच सकती है.
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तंबाकू के हानिकारक प्रभाव
बता दें कि तंबाकू के सेवन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से फेफड़े पर प्रभाव पड़ता है जिसमें सबसे ज्यादा कैंसर की समस्या देखी गई है. तंबाकू के सेवन से फेफड़ों के अलावा मुंह, गला व अन्य तरह के भी कैंसर होने की संभावना होती है.