नई दिल्ली. टेंशन में आ गई है इमरान खान सरकार और इसकी वजह इस बार भारत नहीं है बल्कि खुद पाकिस्तान की औरतें हैं. आंकड़ों के मुताबिक़ पाकिस्तान में 93 प्रतिशत महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न होता है जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत यौन उत्पीड़न तो इन महिलाओं के परिवार के लोग ही करते हैं. अब पाकिस्तान की औरतों ने इस ज्यादती के खिलाफ ज़ोरदार आवाज़ बुलंद की है.
यौन उत्पीड़न के खिलाफ जंग का ऐलान
पाकिस्तान की महिलाओं ने रोज़ रोज़ के इस अत्याचार के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. सारी दुनिया को पता है कि पाकिस्तान नाम का ये देश महिला आजादी के लिए नरक बन चका है. इमरान खान की सरकार को लगता था कि पाकिस्तान की महिलायें घरेलू हिंसा, रेप, यौन उत्पीड़न और जबरन शादी किए जाने की आदी हो चुकी हैं इसलिए खामोश रहेंगी. लेकिन पाकिस्तान की इन बहुसंख्यक पीड़ित महिलाओं ने अब साफ़ कर दिया है कि ये जुल्म अब हम न सहेंगे.
औरत मार्च ने दुखी किया इमरान को
आठ मार्च को पाकिस्तानी खवातीन महिला दिवस पर 'औरत मार्च' निकालने जा रही हैं जो कि पाकिस्तान के लिए एक अभूतपूर्व घटना होगी. इस 'औरत मार्च' ने पाकिस्तान में घमसान की हालत बना दी है. औरत मार्च की बात से पाकिस्तानी कट्टरपंथी भड़क गए हैं और वे इमरान सरकार पर इस मार्च को रुकवाने का दबाव दाल रहे हैं. पीएम इमरान खान की टेंशन बढ़ गई है क्योंकि एक तरफ कुआं है तो दूसरी तरफ खाई है.
''औरत मार्च नहीं निकलने देंगे''
महिलाओं के अधिकार के विरोधी कट्टरपंथियों ने घोषणा की है की वे इस औरत मार्च को किसी सूरत में निकलने नहीं देंगे. पाकिस्तान के दक्षिणपंथी और कट्टरपंथी संगठन इस औरत मार्च के प्रबल विरोधी हो गए हैं.
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