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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) को उनके मंत्री पद से भी हटाने की मांग की जा रही है और ये सारा राजनीतिक हंगामा, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गठित की गई उस विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट पर शुरू हुआ है, जिसमें ये कहा गया है कि लखीमपुर खीरी की घटना (Lakhimpur Violence) के पीछे षडयंत्र था.
एसआईटी (SIT) ने ये रिपोर्ट अदालत में पेश कर दी है और कोर्ट से इस मामले में दुर्घटना की धाराएं हटाकर दूसरी धाराएं जोड़ने के लिए कहा है. जैसे.. धारा 120B- आपराधिक षडयंत्र, धारा 307 हत्या की कोशिश, धारा 326 अपराध के लिए हथियार का इस्तेमाल और धारा 34 जोड़ने के लिए कहा गया है. ये धारा तब लगाई जाती है, जब बहुत सारे लोग कोई अपराध एक ही मकसद के लिए करते हैं.
पहली बात- किसानों का गाड़ियों से कुचला जाना कोई दुर्घटना नहीं थी.
दूसरी बात- उस दिन प्रदर्शन कर रहे किसानों को रास्ते से हटाने के लिए जानबूझकर गाड़ियां तेज स्पीड में चलाई गई थीं.
तीसरी बात- ये कि इस हमले की योजना पहले से बनाई जा चुकी थी.
बता दें कि इस साल अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई थी. घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की कारों से कुचलने से मौत हुई थी, जबकि मौके पर मौजूद भीड़ ने कारों में सवार तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.
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