मंत्री प्रतापसिंह और मेयर मुनेश के बीच अघोषित अदावत से उठा पर्दा,जानिए पूरा मामला
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मंत्री प्रतापसिंह और मेयर मुनेश के बीच अघोषित अदावत से उठा पर्दा,जानिए पूरा मामला

जयपुर न्यूज: मेयर मुनेश गुर्जर ने अपने और परिवार को खतरा बताते हुए  पुलिस सुरक्षा की मांग की है. मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि जिस तरह मेरी गोद ली गई बच्ची के परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है उसी तरह मुझ पर और परिवार पर भी दबाव बनाया जा सकता है.

मंत्री प्रतापसिंह और मेयर मुनेश के बीच अघोषित अदावत से उठा पर्दा,जानिए पूरा मामला

जयपुर: जयपुर नगर निगम हेरिटेज क्षेत्र में मेयर मुनेश गुर्जर और मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के बीच चल रही अघोषित अदावत से अब पर्दा उठ गया हैं. सात दिन बाद प्रदेश प्रभारी रंधावा के आश्वासन के बाद कल शाम भले ही दस दिन के लिए धरना स्थगित हो गया हो लेकिन देर रात टकराव ज्यादा बढ़ गया हैं. 

मेयर मुनेश गुर्जर ने बयान जारी करते हुए उनकी पार्टी के सिविल लाइन से विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियवास पर निशाना साधते हुए खुली चुनौती दी हैं कि मैंने लड़ाई के लिए नहीं ललकारा हैं लेकिन कोई मेरे परिवार में हस्तक्षेप करेगा तो किसी से भी आमने-सामने लड़ाई लड़ सकती हूं. मुनेश ने कहा कि दलित पीड़ित बच्ची के परिवार को परेशान कर निचले स्तर की राजनीति करने वाले लोगों से अपने और उनके परिवार पर खतरा हो सकता हैं .इसलिए राज्य सरकार से पुलिस सुरक्षा देने की मांग की हैं.

 परिवार की पुलिस सुरक्षा की मांग 

जयपुर में जिस कैबिनेट मंत्री ने मेयर बनाने के लिए मुनेश गुर्जर की पैरवी की अब ढाई साल बाद वहीं आंखे दिखाने लगी हैं. कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और मेयर मुनेश गुर्जर के बीच चल रहे कोल्डवॉर के बीच मेयर मुनेश गुर्जर को अपने और अपने परिवार पर डर सता रहा हैं. इसको देखते हुए हेरिटेज मेयर ने राज्य सरकार से अपने और अपने परिवार की पुलिस सुरक्षा की मांग की हैं.

उन्होंने कहा की 3 मिनट 38 सैकंड के ऑडियो में मेरे पति सुशील गुर्जर को ईशिता के पिता बनवारी फोन पर पूरा घटनाक्रम बता रहे हैं. बातचीत में सुनाई दे रहा हैं की किस तरह से मेरी गोद ली हुई बेटी ईशिता के पिता पर दबाव बनाया जा रहा हैं. समाज में बदलाव लाने के लिए मैंने एससी वर्ग की ईशिता को गोद लिया. वो बीमारी से ग्रसित हैं लेकिन निचले स्तर की राजनीति करने वाले लोग अब दलितों पर दबाव बना रहे हैं.

 मेरी बेटी ईशिता और उसके परिवार को परेशान किया जा रहा है.जो मेरे परिवार का हिस्सा हैं. मुझे और मेरे परिवार को भी परेशान किया जा सकता हैं .मैं एक महिला हूं इसलिए मुझे पुलिस सुरक्षा की जरूरत हैं. उन्होंने कहा की ऑडियो में कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और पार्षद दशरथ सिंह का नाम ईशिता के पिता बनवारी बोल रहे हैं. मैंने अभी तक तो किसी को लड़ाई के लिए ललकारा नही हैं. लेकिन मेरे परिवार के मामले में कोई हस्तक्षेप करेगा तो मैं उससे आमने-सामने लड़ने को तैयार हूं.

 मंत्री प्रतापसिंह और पार्षद दशरथ सिंह के साथ में ईशिता के पिता बनवारी जिनके मोबाइल पर कॉल आए. उनकी कॉल डिटेल की जांच होनी चाहिए. यदि बच्ची पर आंच आई तो मैं किसी से भी लड़ने को तैयार हूं. पीड़ित दलित बच्ची के परिवार को टारगेट नहीं किया जाए. इशिता को मैंने बच्ची की तरह पाला है और आगे भी बच्ची की तरह ही पालूंगी.

स्वाभिमान से समझौता नहीं-गुर्जर

मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि मैं स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकती हूं. राजेन्द्र वर्मा को जिसने भी संरक्षण दे रखा हैं गलत हैं. राजेन्द्र वर्मा ने अनुशासनहीनता की हैं. हालांकि इस बीच चर्चा ये भी हैं की आरएएस राजेंद्र वर्मा आईएएस में पदोन्नत हो चुके हैं. इस सप्ताह नॉटिफिकेशन की उम्मीद है. निगम में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर आरएएस को लगाया जाता है. ऐसे में वर्मा आईएएस होकर दूसरी जगह ट्रांसफर होकर चले जाएंगे.

उधर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के बयान और ऑडियो के मामले में खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा की ना तो मैंने ऑडियो सुना हैं ना ही मेयर का बयान सुना हैं. ये छोटी-छोटी बात हैं ये सब चलता हैं. परिवार में सब लोगों की अगुवाई में करता हूं. कल धरना स्थगित हो गया मामला खत्म हो गया. बड़े लीडर्स के ऑडियो वीडियो चलते है. 

खाचरियावास से सवाल किया गया की मुनेश गुर्जर को मेयर बनाने में सबसे ज्यादा पैरवी लेकिन आज ढाई साल बाद अदावत क्यों हुई. इस पर खाचरियावास ने कहा कि जो बनाता हैं वो बिगाड़ता नही हैं. दरअसल ये तो ऑन कैंमरा उन्होंने अपना बयान दिया हैं लेकिन खाचरियावास पहले भी सार्वजनिक मंचों से मुनेश गुर्जर को खरी-खरी सुना चुके हैं. कल भी प्रदेश प्रभारी रंधावा से मुलाकात के बाद पार्टी में अब भी सब ठीक न होने के संकेत मंत्री और जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने दिए थे.

उन्होंने कहा था की मेयर ने धरने को लेकर मेरे से कोई इजाजत नहीं ली गई. धरने पर बैठे पार्षदों की संख्या भी ज्यादा नहीं पार्षदों के पास किसी अधिकारी का कोई वीडियो नहीं मिला. दलित के सम्मान के लिए हम सब खड़े हैं. दूसरी ओर मेयर मुनेश ने पलटवार करते हुए कहा था की मैंने धरने पर बैठने से पहले खाचरियावास को कॉल किया, पत्र भी लिखा था. हम किसी सूरत में झुकेंगे नहीं. पहले 52 पार्षद साथ थे उन्हें दबाव बनाकर हमसे दूर किया गया था.

गौरतलब हैं की बीट कर्मचारियों की फाइल पर हस्ताक्षर न करने और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर शुरू किया धरना बिना किसी नतीजे के ही स्थगित करना पड़ा. 10 दिन के लिए धरना स्थगित होना इस बात का भी संकेत है कि अभी अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा काम करते रहेंगे. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की एंट्री से धरने का इंटरवल हो गया.धरना स्थगित कराने से पहले पार्टी के वॉर रूम से लेकर हैरिटेज निगम मुख्यालय का सियासी पारा चढ़ता उतरता रहा..

बहरहाल, शहर में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चर्चा हैं की क्या ये जयपुर शहर की राजनीति में एक महज संयोग है या फिर राजनीति में आगे बढ़ने के लिए सब स्क्रिप्टेड. नगर निगम की पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल की राह पर मुनेश गुर्जर चल रही हैं. धरने से लेकर राजनैतिक गुरुओं से अदावत के मामले में दोनों की एक ही राह रही हैं. अपनी सरकार के लगाए अफसरों के खिलाफ ज्योति खंडेलवाल की राह पर चल रहीं मुनेश गुर्जर भी धरने दे रही हैं. 

इतना ही नहीं ज्योति खंडेलवाल अपने राजनैतिक गुरु महेश जोशी के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी थी.अब मुनेश ने भी राजनैतिक गुरु प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ घोषित रूप से मोर्चा खोल दिया हैं.

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